Inspiring Quotes of Indian Soldiers : जवानों की ये बातें नसों में भर देती हैं देशभक्ति का जोश

भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पूरी दुनिया इसका लोहा मानने लगी है। भारतीय थल सेना, वायुसेना, जल सेना, सीआरपीएफ, बीएसफ, आईटीबीपी सहित सभी सुरक्षा जवान हमेशा देश के लिए अपने प्राण भी देने के लिए तैयार रहते हैं। जिन्होंने देश के लिए शहादत दी है वो आज भी हमारे दिलों में मौजूद हैं। उनकी कही बातें आज भी हमारी सेना के गर्व को और बढ़ा देती हैं। आज हम आपके लिए वीरता से भरे विचार प्रस्तुत कर रहे हैं

– शहीद हंगपन दादा हमेशा परिवार से कहते थे- सिर्फ मेरे लिए ही नहीं मेरे साथियों के लिए भी प्रार्थना करना, मैं रहूं या ना रहूं, मेरी रेजीमेंट और आर्मी हमेशा तुम्हारे साथ रहेगी।

– पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जबलपुर के सीआरपीफ जवान अश्विनी कुमार काछी से जब भी उनकी मां शादी की बात करती तो वो यहीं कहते थे- मां मैं तिरंगे में लिपटकर घर आना चाहता हूं।

– कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन मनोज पांडे ने कहा था- अगर मातृभूमि के लिए खुद को साबित करने से पहले मुझे मौत आती है तो मैं कसम खाकर कहता हूं कि मौत को भी मार दूंगा।

– देश के पहली फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा इंदौर से ही सेना में भर्ती हुए थे, उनका बेटा एयरफोर्स में था और इस दौरान वो पाकिस्तान में उनका विमान गिर गया था। पाकिस्तानी सेना ने उनके बेटे को बंदी बना लिया था तो फील्ड मार्शल करिअप्पा ने कहा था कि वो मेरा नहीं देश का बेटा है, उसके साथ वैसा ही बर्ताव करना जैसा दूसरे युद्धबंदियों के साथ किया जा रहा है, अगर पाकिस्तानी सेना उसे छोड़ना चाहती है तो सभी युद्धबंदियों को छोड़ दे।

– एयर मार्शन मानेक शॉ ने देश के गोरखा सैनिकों के सम्मान में कहा था- अगर कोई कहता है कि उसे मरने से डर नहीं लगता तो वो झूठ बोल रहा है या फिर वो गोरखा है।

– कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा दुश्मनों एक-एक मारते हुए बार-बार कहते रहे ये दिल मांगे मोर। इसके पहले भी उन्होंने अपने परिवार से एक बात कही थी, या तो मैं तिरंगा फहराकर आऊंगा या तिरंगे में लिपटकर, पर मैं आऊंगा जरूर।

– भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान शहीद हुए लेफ्टिनेंट अरुण क्षेत्रपाल आखिरी सांस तक दुश्मनों से लड़ते रहे। उनके टैंक में खराबी आने के बाद उन्हें वायरलेस पर वापस लौटने का संदेश दिया गया था, लेकिन लेफ्टिनेंट क्षेत्रपाल ने वापस लौटने से इनकार करते हुए कहा कि टैंक खराब हुआ तो क्या, मेरी गन तो अभी भी चल रही है, मैं दुश्मनों को खत्म करके ही मरुंगा या तो फिर वापस लौट आऊंगा।

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