मथुरा में साधु बनकर रह रहे दो बांग्लादेशी गिरफ्तार, फर्जी कागजात पर बनवाया था पासपोर्ट व आधार कार्ड

भागवान कृष्ण के कर्मक्षेत्र मथुरा में साधु के भेष में रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने गुरुवार को रात गिरफ्तार किया। यह दोनों यहां के वृन्दावन में बरसों से साधु बनकर रह रहे थे। इनसे गुरुवार के साथ ही शुक्रवार को पूछताछ की गई। इसके बाद इनको जेल भेज दिया गया। पूछताछ की रिपोर्ट लखनऊ भेजी गई है।

मथुरा के वृन्दावन में कई बरसों से रह रहे दोनो बांग्लादेशी साधु का भेष बनाकर कीर्तन-भजन किया करते थे। इनमें पास से आधार कार्ड के साथ पासपोर्ट भी बरामद हुआ है। दोनों बीते आठ वर्ष से मथुरा में रह रहे थे। दोनों बचपन में बीस वर्ष पहले वृन्दावन आ चुके थे। उसके बाद अब साधु बनकर हमेशा के लिए यहीं बस गये हैं।

धर्मनगरी मथुरा में में बांग्लादेशियों के पकड़े जाने का सिलसिला थम नहीं रहा। वृंदावन में भेष बदलकर रह रहे दो बांग्लादेशी युवकों को पुलिस ने दबोच लिया। इनमें एक आठ वर्ष और दूसरा सात वर्ष पहले यहां आया था। दोनों ने दिल्ली में फर्जी कागजात पर आधार कार्ड, वोटर कार्ड और पासपोर्ट बनवा लिया था।

एसएसपी शलभ माथुर को पांच दिन पहले शिकायत मिली थी कि वृंदावन के परिक्रमा मार्ग के इमलीतला के सेवाकुंज मंदिर में दो बांग्लादेशी रह रहे हैं। शिकायत पर खुफिया विभाग ने पड़ताल की, तो पता चला कि सात वर्ष से दो युवक रह रहे हैं। पहले कई दिन तक यहां खुफिया पुलिस ने गोपनीय जानकारी की। गुरुवार शाम दोनों युवकों को दबोच लिया। युवकों ने अपने नाम चैतन्य देव उर्फ देव राय तथा मनरंजन राय उर्फ माधव दास बताए हैं।

कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर संजीव कुमार दुबे ने बताया कि इन दोनों के बारे में हमें खुफिया पुलिस से मिली जानकारी के आधार पर बीती रात इमलीतला क्षेत्र से पकड़ा गया है। इन दोनों बांग्लादेशी नागरिकों ने यहां रहते नागरिकता संबंधी सभी कागजात, आधार कार्ड आदि तैयार करा लिए थे।

करीब आठ वर्ष पहले दिल्ली से चैतन्य देव राय वृंदावन आ गया और उसके एक वर्ष बाद मनरंजन राय भी वृंदावन में ही आकर मंदिर में रहने लगा। वृंदावन में ही रहते हुए यह दोनों मई 2015 में परिवार से मिलने बांग्लादेश गए और करीब एक माह रुकने के बाद वापस वृंदावन आ गए। खुफिया विभाग को उन्होंने बताया कि दिल्ली के मंदिर के एक गुरुजी बांग्लादेश गए थे, वहां वह संपर्क में आए। गुरुजी के कहने पर वह लोग जलपाईगुड़ी के मंदिर और दिल्ली होते हुए वृंदावन आ गए। गुरुवार रात और शुक्रवार को दिन भर खुफिया विभाग के साथ ही इंटेलीजेंसी ब्यूरो और विशेष प्रकोष्ठ ने पूछताछ की।

20 वर्ष पहले अवैध रूप से पार की थी सीमा

उन्होंने पुलिस को बताया कि वह 15-16 वर्ष की उम्र में करीब 20 साल पहले अवैध रूप से सीमा पार कर जलपाईगुड़ी में आ गए थे। यहां वह मंदिरों में रहते थे। पांच -छह साल जलपाईगुड़ी रहने के बाद वह दिल्ली आ गए। यहां वृंदावन के ही इमलीतला के मंदिर की ब्रांच करोलबाग में हरेकृष्ण मंदिर व मालकागंज टेंपल है। इन मंदिरों में रहकर भजन कीर्तन करते थे। फर्जी कागजात के जरिए ही इन्होंने उत्तरी दिल्ली में आइपी गोरिया टेंपल मलकागंज क्षेत्र से आधार कार्ड, वोटर कार्ड और पासपोर्ट बनवाये।

लखनऊ भेजी जाएगी जांच आख्या

एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि इनकी जांच आख्या इंटेलीजेंस ब्यूरो लखनऊ भेजी जाएगी, वहां से भी व्यापक पड़ताल होगी। दोनों युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। 

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