बेहमई हत्याकांड: मूल केस डायरी गायब होने से फैसला टला

24 जनवरी को सुनवाई करेगा कोर्ट

कानपुर .   बेहमई गांव में 39 साल पहले हुए हत्याकांड पर फैसला टल गया। विशेष जज सुधीर कुमार शनिवार को फैसला सुनाने वाले थे, लेकिन मूल केस डायरी उपलब्ध नहीं हो पाई। सरकारी वकील राजू पोरवाल के मुताबिक, केस डायरी गायब होने पर कोर्ट ने सत्र लिपिक को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी।

अदालत ने तब तक कर्मचारियों को केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया है। इस मामले में पहले 6 जनवरी को फैसला आना था, लेकिन बचाव पक्ष के दलीलें पेश करने के लिए वक्त मांगने पर यह टल गया था। 14 फरवरी 1981 को फूलन ने अपने 35 साथियों के साथ बेहमई के 26 लोगों पर 5 मिनट में सैकड़ों गोलियां बरसाईं थीं। इनमें से 20 की मौत हो गई थी।

फूलन ही मुख्य आरोपी थी, लेकिन मौत के बाद उसका नाम हटा दिया गया। इसके बाद 5 आरोपियों श्याम बाबू, भीखा, विश्वनाथ, पोशा और राम सिंह पर केस चलाया गया। इसमें से राम सिंह की 13 फरवरी 2019 को जेल में मौत हो गई। पोशा जेल में है। तीन आरोपी जमानत पर हैं।बेहमई हत्याकांड की मुख्य आरोपी फूलन देवी थी।

उसने 1983 में मध्य प्रदेश में आत्मसमर्पण किया था। 1993 में फूलन जेल से बाहर आई। इसके बाद मिर्जापुर लोकसभा सीट से दो बार सपा के टिकट पर सांसद बनी। 2001 में शेर सिंह राणा ने फूलन की दिल्ली में हत्या कर दी थी। इसके बाद फूलन का नाम केस से हटा दिया गया।

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