जबरन लाश दफनाने पर ग्राम प्रधान समेत 25 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
लखनऊ। जानकीपुरम के मिर्जापुर गांव में सरकारी जमीन पर विशेष समुदाय की महिला के शव को जबरन दफनाने के आरोप में बीट इंचार्ज ने ग्राम प्रधान समेत 25 अज्ञात ग्रामीणों के विरुद्ध धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। इंस्पेक्टर जानकीपुरम मोहम्मद अशरफ ने बताया कि 22 सितंबर की देर शाम मिर्जापुर गांव के ग्राम प्रधान अनवार व करीब 20-25 अज्ञात ग्रामीण जानकीपुरम विस्तार निवासी विशेष समुदाय की महिला के शव को गांव के पास खाली पड़ी सरकारी जमीन पर दफनाने के लिए पहुंचे थे। जिसका गांव के दूसरे समुदाय के लोग विरोध कर रहे थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कभी भी शव को दफनाया नहीं गया। जबकि प्रधान अनवार उक्त जमीन को कब्रिस्तान होने का दावा कर रहे थे। प्रधान का कहना था कि यहां इसके पूर्व भी शव दफनाए जा चुके हैं। विरोध के बावजूद अनवार ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर शव को दफन करवा दिया था। इंस्पेक्टर के मुताबिक, जिसके बाद जांच कराई गई जिसमें पता चला कि अनवार व उनके समर्थकों ने छल कपट कर शव को दफनाया है। लिहाजा सोमवार को बीट इंचार्ज राजनारायण ने आरोपियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
ग्रामीणों का आरोप इंस्पेक्टर ने दफन करवाया था शव
वहीं सोमवार को स्थानीय निवासी कौशल किशोर की अगुवाई में दर्जनों ग्रामीणों ने एसएसपी कलानिधि नैथानी से मिलकर इसकी निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है। ग्रामीणों ने एसएसपी को दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा है कि उक्त जमीन पर कभी किसी का अंतिम संस्कार नहीं हुआ है। इसके लिए दूसरी जगह पर शमशान व कब्रिस्तान के लिए जमीन निर्धारित है। आरोप है कि 22 सितंबर को अनवर प्रधान ने इंस्पेक्टर जानकीपुरम मोहम्मद अशरफ की मौजूदगी में विशेष समुदाय की महिला के शव को दफन करवा दिया। ग्रामीणों के विरोध करने पर इंस्पेक्टर ने जेल भेजने की धमकी दी थी।
कब्र से शव को निकलवाने के लिए एसडीएम और डीएम से मिले
शव दफनाने का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने एसडीएम बीकेटी प्रफुल्ल त्रिपाठी और जिलाधिकारी से मिलकर दफनाए गए शव को निकलवाकर निर्धारित कब्रिस्तान में दफन कराए जाने का अनुरोध किया है। ग्रामीणों ने प्रार्थना पत्र के जरिए यह भी चेतावनी दी है कि यदि शव को निकलवाया नहीं गया तो वह लोग मजबूर होकर सड़क जाम कर प्रदर्शन करेंगे।