दिल्ली: एम्स ने देश का पहला रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट किया

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट को किफायती बनाकर चिकित्सा क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। एम्स अस्पताल के प्रशासन का दावा है कि जहां निजी अस्पतालों में इस सर्जरी के लिए 20 लाख रुपये से अधिक खर्च होते हैं, वहीं एम्स में यह निशुल्क या मात्र 20 से 25 हजार रुपये में संभव हो रहा है।

यही नहीं, इसकी सबसे खास बात यह है कि आयुष्मान भारत कार्डधारकों के लिए यह सुविधा निशुल्क भी उपलब्ध होगी। शुक्रवार को सर्जरी एवं रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रो. वीके बंसल और विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील चुम्बर ने इस बारे में जानकारी दी।

एम्स में आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया गया कि आठ अक्तूबर को एम्स में 27 वर्षीय मरीज का रोबोट-सहायता से किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। यह तीन सितंबर से अब तक की पांचवीं सर्जरी थी। सर्जरी विभाग के प्रो. वीके बंसल ने बताया कि दा विंची सर्जिकल रोबोट की मदद से सर्जरी में छोटा चीरा, कम रक्त हानि और तेज रिकवरी संभव हो रही है। मरीज को सामान्य ट्रांसप्लांट के मुकाबले कम दर्द होता है और एक सप्ताह में ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।

विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील चुम्बर ने बताया कि नवंबर, 2024 में एम्स को यह अत्याधुनिक रोबोट प्राप्त हुआ था। 27 फरवरी को पहली बार इसका उपयोग डोनर की किडनी निकालने में किया गया। अब तक पांच मरीज इस तकनीक से लाभान्वित हो चुके हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत एक मरीज का अगले सप्ताह सर्जरी होने वाली है।

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