दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान जारी

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर मतदान की प्रक्रिया शुरू है। दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं मतदान करेंगी। सुबह के कॉलेजों में सुबह साढ़े आठ बजे से मतदान शुरू होकर दोपहर एक बजे तक चलेगा। वहीं, सांध्य कॉलेजों में दोपहर तीन बजे से शुरू होगा और रात साढ़े सात बजे तक चलेगा। सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए है। नाॅर्थ कैंपस में कई स्तर की बैरिकेडिंग की गई है। काॅलेज में आई कार्ड के बाद ही छात्रों को काॅलेज में प्रवेश दिया जा रहा है। डूसू चुनाव में 21 उम्मीदवार मैदान में है। 52 पोलिंग स्टेशन बनाए गए है। शहीद भगत सिंह काॅलेज में छात्राओं के लिए पिंक बूथ बनाया गया है।

डूसू चुनाव के मद्देनजर नॉर्थ कैंपस, साउथ कैंपस सहित सभी कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है। छात्र मार्ग पर पुलिस मौजूद है। मतदान को लेकर मार्ग पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। बाहरी लोगों के प्रवेश पर कड़ी नजर रहेगी। मतगणना स्थल की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है।

डूसू चुनाव के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. राज किशोर शर्मा ने बताया कि 52 पोलिंग स्टेशन बनाए गए है। साथ ही 711 ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है। दिव्यांग छात्रों के लिए कॉलेजों को अलग से निर्देश दिए गए है। कॉलेज उनके लिए ग्राउंड फ्लोर पर मतदान केंद्र की व्यवस्था रखेगा ताकि उन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। मतगणना 19 सितंबर को यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स स्टेडियम में करीब नौ बजे से शुरू हो जाएगी। छात्रों से अपील है कि वह चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों के साथ सहयोग करें। वहीं, रामजस काॅलेज में 10 मिनट की देरी से चुनाव शुरू हुआ। दो मशीन खराब हो गई थी। फिर उन्हें तुरंत बदला गया। अभी मतदान ठीक से जारी है।

एनएसयूआई ने लगाया ये आरोप
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने डूसू चुनावों के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। एनएसयूआई का कहना है कि उन्हें कई रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं कि आरएसएस-भाजपा पृष्ठभूमि से जुड़े फैकल्टी सदस्यों पर अनुपस्थित छात्रों के नाम से मतदान करने का दबाव डाला जा रहा है। यह सीधे तौर पर छात्र चुनावों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि यदि किसी भी कॉलेज में फर्जी मतदान की शिकायत मिलती है तो दोषियों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। हम यह माँग करते हैं कि दिल्ली विश्वविद्यालय बिना किसी हस्तक्षेप और हेरफेर के पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करे।

एनएसयूआई का आरोप है कि विभिन्न कॉलेजों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि ईवीएम पर जानबूझकर एबीवीपी उम्मीदवारों के नामों के सामने नीली स्याही के निशान लगाए गए हैं, ताकि मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बिगाड़ने और चुनाव को धांधली से प्रभावित करने का सीधा प्रयास है।

एनएसयूआई के आरोप पर एबीवीपी का जवाब
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चारों सीटें जीतने जा रही है, एनएसयूआई का ईवीएम संबंधी आरोप निराधार है, यह उनकी संभावित हार की बौखलाहट है। एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एबीवीपी की लगातार बढ़ती लोकप्रियता से एनएसयूआई घबराई हुई है और लगातार एबीवीपी पर अनर्गल आरोप लगा रही है। इस बार डूसू चुनाव में एनएसयूआई दूसरे नहीं बल्कि तीसरे स्थान के लिए लड़ रही है।

एबीवीपी दिल्ली के प्रदेश मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि कांग्रेस जिस प्रकार प्रत्येक चुनाव में हार को लेकर ठीकरा ईवीएम पर लगाती है, बिल्कुल वही पैटर्न एनएसयूआई भी अपना रही है। संभावित हार और छात्रों के बीच अलोकप्रियता से एनएसयूआई की छटपटाहट साफ है।

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