कटिहार में बाढ़ का कहर: गंगा ने छीना घर, भूख-प्यास और लापरवाही से जूझ रहे 400 परिवार

गंगा का पानी इस कदर तबाही मचा रहा है कि करीब 400 परिवारों के एक हजार से अधिक लोग घर-बार छोड़कर रेलवे बांध पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने से घर-आंगन, चूल्हा-चौका और शौचालय तक कमर से ऊपर पानी में डूब गए हैं।

बाढ़ के पानी ने रसोई की आग बुझा दी, बच्चों की हंसी छीन ली और बुजुर्गों के चेहरों पर चिंता की लकीरें और गहरी कर दी हैं। रेलवे बांध किनारे तिरपाल और बांस की टहनियों से बने अस्थाई ठिकानों में लोग जैसे-तैसे दिन गुजार रहे हैं। महिलाओं और बच्चों की मुश्किलें सबसे अधिक बढ़ गई हैं। खाना बनाने से लेकर शौच के लिए जाना तक एक जंग जैसा बन गया है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन इस भीषण संकट में भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है। न पीने के साफ पानी की व्यवस्था है, न खाने का इंतजाम और न ही बीमारों के इलाज के लिए मेडिकल टीम मौजूद है। मजबूरी में लोग खुले आसमान के नीचे भूख और बीमारी के साये में जिंदगी काट रहे हैं।

वार्ड पार्षद बेचन सिंह ने जिला प्रशासन से पेयजल टैंकर, अस्थाई शौचालय, पॉलिथीन शीट, सूखा राशन और सामुदायिक किचन की तत्काल व्यवस्था की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि राहत कार्य तुरंत शुरू नहीं हुए, तो सिग्नल टोला में भूख, बीमारी और लापरवाही मिलकर एक और बड़ी त्रासदी को जन्म देंगे। फिलहाल, सिग्नल टोला के लोग सिर्फ बाढ़ के पानी में ही नहीं, बल्कि भूख, बीमारी और प्रशासनिक चुप्पी में भी डूबे हुए हैं।

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