पांचवें दिन छटा धराली का अंधेरा, UPCL ने पहुंचाई बिजली, हेलिकॉप्टरों ने उम्मीद की किरण जगाई…

आपदा के पांचवें दिन धराली यूपीसीएल ने धराली बिजली पहुंचाई। चिनूक और दो अन्य हेलिकॉप्टर की मदद से सामान पहुंचाया गया।
पांच अगस्त को आपदा आने के बाद हर्षिल से लेकर धराली तक करीब दो किमी बिजली लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमआर आर्य पूरी टीम के साथ धराली के लिए रवाना हुए लेकिन सड़कें बंद होने की वजह से नहीं पहुंच पा रहे थे। आखिरकार सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर और सरकार के हेलिकॉप्टरों ने उम्मीद की किरण जगाई।
चिनूक व हेलिकॉप्टरों की मदद से करीब दो टन उपकरण, तार के साथ 40 अधिकारियों, कर्मचारियों की टीम मौके पर पहुंचाई गई। यह कार्य दो चरणों में संपन्न हुआ। पहले चरण में 125 केवीए क्षमता के डीजल जनरेटर सेट को देहरादून एयरपोर्ट से चिन्यालीसौड़ होते हुए हर्षिल तक एयरलिफ्ट किया गया। इसके साथ ही कंडक्टर, पोल, सर्विस लाइन, इंसुलेटर और अन्य आवश्यक उपकरण भी हवाई मार्ग से भेजे गए। इस प्रक्रिया में हेलिकॉप्टर से भारी सामग्री की ढुलाई की गई, जिसके लिए सेना और प्रशासन के साथ तालमेल रखा गया।
नई सर्विस लाइनों को जोड़ा
यूपीसीएल के 10 सदस्यीय टीम को भी हेलिकॉप्टर के माध्यम से विद्युत सामग्री के साथ हर्षिल घाटी तक पहुंचाया गया। दूसरे चरण में यूपीसीएल के इंजीनियरों और लाइनमैन ने हाईअलर्ट मोड में मौके पर दिन-रात काम करते हुए क्षतिग्रस्त पोल और तारों को बदला। नई सर्विस लाइनों को जोड़ा। डीजी सेट के माध्यम से अस्थायी आपूर्ति शुरू की।
इसके अतिरिक्त, सौर ऊर्जा व माइक्रो हाइड्रो ग्रिड को भी जोड़ा गया, जिससे घाटी में स्थिर और सतत बिजली उपलब्ध कराई जा सकी। माइक्रो हाइड्रो ग्रिड से 25 किलोवॉट का ऊर्जा उत्पादन हो रहा है, जिससे मुखबा गांव में विद्युत आपूर्ति दी जा रही है। आपको बता दें कि मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन ने शनिवार को बैठक में बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश भी दिए थे।
हर्षिल घाटी में बिजली बहाल करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था। हमारी टीम ने त्वरित कार्य कर इसे संभव कर दिखाया। एयरलिफ्ट ऑपरेशन, हाई-एल्टीट्यूड फील्डवर्क और माइक्रो हाइड्रो ग्रिड के संयोजन से यह उपलब्धि हासिल हुई है। यूपीसीएल इस सफलता को जन सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के रूप में देखता है।