‘गरिमा पर हमला बर्दाश्त नहीं!’ इटावा कांड पर भड़के अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से एक शर्मनाक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक धार्मिक कथा कहने पहुंचे कथावाचकों के साथ जातिगत आधार पर अपमान और हिंसा की गई। इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे लोगों में गुस्सा फैल गया है।

क्या हुआ घटना में?
यह घटना इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव की है। जहां कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत कुमार यादव भागवत कथा कहने पहुंचे थे। जब उन्होंने कथा शुरू की, तभी वहां मौजूद कुछ लोगों ने उनकी जाति पूछी। जब उन्होंने अपनी जाति बताई तो उन्हें कथावाचक मानने से इनकार करते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। पीड़ितों के अनुसार, संत कुमार यादव की चोटी और बाल काट दिए गए। मुकुट मणि को महिला के पैर छूने और नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया गया। उनका हारमोनियम तोड़ दिया गया। मानव मूत्र छिड़कने का आरोप भी लगाया गया। कुछ रुपए भी छीन लिए गए। पीड़ितों ने बताया कि उन्हें बंधक बनाकर ‘फर्जी कथावाचक’ कहा गया और अमानवीय शब्दों से अपमानित किया गया।

वीडियो वायरल, लोगों में आक्रोश
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें पीड़ित सफेद कुर्ता और लाल धोती में दिख रहा है, और महिला के पैर छूता हुआ भी दिखाई दे रहा है। यह दृश्य देखकर लोग सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

अखिलेश यादव का बयान
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि यह घटना व्यक्ति की गरिमा और संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। यदि 3 दिनों में आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो हम पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के मान-सम्मान की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।

पुलिस का बयान और कार्रवाई
इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि घटना की तहरीर मिल चुकी है। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एक जांच टीम बनाई गई है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस जांच कर रही है कि घटना में किन लोगों की भूमिका थी और कितने लोग शामिल थे।

परिवार का दर्द
पीड़ित कथावाचक मुकुट मणि यादव ने कहा कि हमारी कथा बुक की गई थी, लेकिन जैसे ही कथा शुरू की, हमारे साथ गाली-गलौज, मारपीट और बेइज्जती शुरू हो गई। हमें इंसाफ चाहिए।

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