फडणवीस सरकार ने 47 लाख रुपये में खरीदी मराठा सेना के योद्धा रघुजी भोंसले की तलवार

महाराष्ट्र सरकार ने 18वीं सदी के मराठा सेनापति रघुजी भोंसले की प्रसिद्ध रघुजी तलवार को लंदन में एक नीलामी में 47.15 लाख रुपये में खरीदा है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि तलवार को सीधे तौर पर नहीं बल्कि कुछ तकनीकी मुद्दों के कारण एक बिचौलिए के माध्यम से खरीदा गया है। नागपुर राजघराने के राजे मुधोजी भोंसले ने महाराष्ट्र सरकार को बधाई दी और धन्यवाद दिया।

महाराष्ट्र सरकार ने 18वीं सदी के मराठा सेनापति रघुजी भोंसले की प्रसिद्ध ‘रघुजी तलवार’ को लंदन में एक नीलामी में 47.15 लाख रुपये में खरीदा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जानकारी देते हुए बताया कि नागपुर के भोंसले राजवंश के संस्थापक राजे रघुजी भोंसले ने 1745 में बंगाल के नवाब के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया था।

बिचौलिए के माध्यम से खरीदा गया तलवार
सीएम ने बताया कि तलवार को सीधे तौर पर नहीं बल्कि कुछ तकनीकी मुद्दों के कारण एक बिचौलिए के माध्यम से खरीदा गया है। नीलामी आयोजित करने वाली सोथबी ने अपने पोर्टल पर जानकारी दी कि बाल्केट-हिल्ट तलवार 38,100 पाउंड में बेची गई है। नीलामी से पहले अनुमान 6000 से 8000 पाउंड के बीच था।

सोथबी ने बताया कि रीढ़ पर देवनागरी लिपि में लिखे शिलालेख से पता चलता है कि इसे मराठा सेनापति रघुजी भोंसले (1739-55) के लिए बनाया गया था, जिन्होंने दक्कन के उत्तर में नागपुर शहर पर केंद्रित एक बड़ा साम्राज्य स्थापित किया था।

राजघराने के सदस्य ने सरकार को दी बधाई
नीलामी में तलवार खरीदने के बाद नागपुर राजघराने के राजे मुधोजी भोंसले ने महाराष्ट्र सरकार को बधाई दी और धन्यवाद दिया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनके प्रतिनिधियों ने भी उनकी ओर से बोली प्रक्रिया में हिस्सा लिया और 35 लाख रुपये तक की बोली लगाई थी।

मुधोजी भोंसने ने केंद्र और राज्य सरकार से तलवार को देश में वापस लाने में मदद करने का अनुरोध किया था और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें फोन करके आश्वासन दिया था कि तलवार वापस लाई जाएगी।

राजे मुधोजी भोंसले का बयान
उन्होंने कहा, “मैं नागपुर भोंसने राजघराने की ओर से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, संस्कृति मंत्री आशीष शेलार और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद देना चाहता हूं। यह गर्व का क्षण है कि हमारी विरासत वापस आ रही है।”

मराठा शैली की तलवार
यह तलवार मराठा शैली की थी जिसमें एक धार वाला पत्ता और सोने की नक्काशी की गई थी। यूरोपीय नकली पत्ते उस समय काफी मशहूर थे इस तलवार में लगे पत्ते के पीछ सोने के पानी से लिखा है ‘श्रीमंत राघोजी भोंसले सेनासाहेबसुभा’। 1817 ईस्ट इंडिया कंपनी ने नागपुर में भोंसले के खजाने को लूटा था।

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