इलाहाबाद HC ने दी संभल की जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई के दिए निर्देश, पढ़ें पूरी खबर…

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को संभल स्थित जामा मस्जिद में एक सप्ताह के भीतर बाहर से सफेदी कराने का निर्देश दिया है। यह भी कहा कि समुचित लाइटिंग भी ढांचे को बिना कोई क्षति पहुंचाए की जाए। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने बुधवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।

इससे पहले एएसआइ ने सफेदी और मरम्मत की जरूरत से इन्कार किया था और कहा था कि साफ सफाई कराई जा सकती है। तब कोर्ट ने सफाई कराने के लिए कहा था। आज कोर्ट ने कहा कि मस्जिद कमेटी ने यदि 1927 के करार का उल्लघंन किया तो एएसआइ या सरकार ने करार निरस्त करने का नोटिस क्यों नहीं दिया? करार के तहत जब एएसआइ को राष्ट्रीय धरोहर के संरक्षण का अधिकार है तो अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी पूरी क्यों नहीं की? कमेटी कैसे सफेदी कराती रही? मामले में अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।

मस्जिद इंतेजामिया कमेटी ने एएसआइ से रमजान के उपलक्ष्य में सफेदी मरम्मत लाइटिंग की अनुमति मांगी थी । एएसआइ ने इसकी अनुमति से इन्कार कर दिया था। तब हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने एएसआइ की तीन सदस्यीय समिति से रिपोर्ट मांगी थी। उसने कहा था कि साफ सफाई कराई जा सकती है, सफेदी और मरम्मत की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने तब सफाई की अनुमति दे दी थी। कहा था कि यह काम एएसआइ ही कराएगी।

मस्जिद कमेटी की तरफ से 10 मार्च को हुई पिछली सुनवाई में कहा गया कि बाहरी सफेदी, मरम्मत व लाइटिंग पर हलफनामे में एएसआइ ने कुछ नहीं कहा है। इस पर कोर्ट ने एएसआइ से जवाब मांगा था।

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