होली पर सच्ची श्रद्धा से सुन लिया ये पाठ, तो जीवन का हर संकट दूर कर देंगे राधा-कृष्ण

होली हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह दिन राधा रानी और भगवान कृष्ण के प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने से रिश्ते में मधुरता बनी रहती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार होली के पावन अवसर पर श्री राधा-कृष्ण अष्टकम स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की महिमा का वर्णन करता है, जिससे भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।
श्री राधा कृष्ण अष्टकम
चथुर मुखाधि संस्थुथं, समास्थ स्थ्वथोनुथं। हलौधधि सयुथं, नमामि रधिकधिपं:
भकाधि दैथ्य कालकं, सगोपगोपिपलकं। मनोहरसि थालकं, नमामि रधिकधिपं:
सुरेन्द्र गर्व बन्जनं, विरिञ्चि मोह बन्जनं। वृजङ्ग ननु रञ्जनं, नमामि रधिकधिपं:
मयूर पिञ्च मण्डनं, गजेन्द्र दण्ड गन्दनं। नृशंस कंस दण्डनं, नमामि रधिकधिपं:
प्रदथ विप्रदरकं, सुधमधम कारकं। सुरद्रुमपरूअरकं, नमामि रधिकधिपं:
दानन्जय जयपाहं, महा चमूक्षयवाहं। इथमहव्यधपहम्, नमामि रधिकधिपं:
मुनीन्द्र सप करणं, यदुप्रजप हरिणं। धरभरवत्हरणं, नमामि रधिकधिपं:
सुवृक्ष मूल सयिनं, मृगारि मोक्षधयिनं । र्श्वकीयधमययिनम, नमामि रधिकधिपंः
श्री राधा कृष्ण स्तोत्रः
वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेयवाससम् । सानन्दं सुन्दरं शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृतेरू परम्:
राधेशं राधिकाप्राणवल्लभं वल्लवीसुतम् । राधासेवितपादाब्जं राधावक्षस्थलस्थितम्:
राधानुगं राधिकेष्टं राधापहृतमानसम् । राधाधारं भवाधारं सर्वाधारं नमामि तम्:
राधाहृत्पद्ममध्ये च वसन्तं सन्ततं शुभम् । राधासहचरं शश्वत् राधाज्ञापरिपालकम्:
ध्यायन्ते योगिनो योगान् सिद्धारू सिद्धेश्वराश्च यम् । तं ध्यायेत् सततं शुद्धं भगवन्तं सनातनम्:
निर्लिप्तं च निरीहं च परमात्मानमीश्वरम् । नित्यं सत्यं च परमं भगवन्तं सनातनम्:
यरू सृष्टेरादिभूतं च सर्वबीजं परात्परम् । योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम्:
बीजं नानावताराणां सर्वकारणकारणम् । वेदवेद्यं वेदबीजं वेदकारणकारणम्:
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् । गन्धर्वेण कृतं स्तोत्रं यरू पठेत् प्रयतरू शुचिरू। इहैव जीवन्मुक्तश्च परं याति परां गतिम्:
हरिभक्तिं हरेर्दास्यं गोलोकं च निरामयम् । पार्षदप्रवरत्वं च लभते नात्र संशयः
श्री राधा-कृष्ण अष्टकम स्तोत्र के लाभ
माना जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन के कष्ट दूर होते हैं। नियमित पाठ करने से भक्त की आध्यात्मिक उन्नति होती है और मन को शांति मिलती है। यह स्तोत्र सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
पाठ की विधि
होली खेलने से पहले सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को स्वच्छ कर राधा-कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। धूप-दीप जलाकर पूजा आरंभ करें और फूल, फल, माखन-मिश्री आदि अर्पित करें। इसके बाद श्री राधा-कृष्ण अष्टकम स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करें।
पाठ के पश्चात श्रीकृष्ण की आरती करें और भगवान को होली के रंग अर्पित करें। अपनी मनोकामनाएं भगवान के समक्ष व्यक्त करें और प्रसाद का वितरण करें। इस प्रकार, होली के दिन श्री राधा-कृष्ण अष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।