हादसे के वक्त झुग्गी में सो रहे थे 4 लोग, एक ने छप्पर को तोड़कर बचाई जान

आनंद विहार थाना के कड़कड़डूमा इंस्टीट्यूशनल क्षेत्र में डीडीए की जमीन पर अवैध रूप से बनी झुग्गी में सोमवार देर रात को डिबिया से आग लगने से दो सगे भाई समेत तीन लोगों की जलकर मौत हो गई। लकड़ी के प्लाईबोर्ड से बनी हुई झुग्गी में हादसे के वक्त चार लोग सो रहे थे।

नितिन नाम के युवक ने छप्पर को हटाकर बाहर झुग्गी से बाहर कूदकर अपनी जान बचाई। इसमें रहने वाले लोगों ने सामान चोरी के डर से झुग्गी के दरवाजे पर चेन बांधकर अंदर से ताला लगाया हुआ था। ताले की चाबी न मिलने व धुआं अधिक होने से तीन लोग झुग्गी के अंदर ही फंस गए।

आग से झुग्गी में रखा सिलेंडर भी फटा

आग से झुग्गी में रखा हुआ एलपीजी का गैस सिलेंडर फट गया। आग विकराल होने से अंदर फंसे तीनों लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान औरेया जिले के नवादा गांव निवासी श्याम सिंह इनके छोटे भाई कांता प्रसाद व इनके साथी बांदा जिले के खेहरा गांव निवासी जागे सिंह के रूप में हुई है।

सूचना पर पहुुंची दमकल की तीन गाड़ियों ने एक घंटे की मशक्कत पर आग पर काबू पाया। आनंद विहार थाना पुलिस प्राथमिकी कर मामले की जांच कर रही है।

गाजियाबाद स्थित विजय नगर निवासी नितिन ने बताया कि वह ठेकेदार दिलीप के यहां काम करता है। ठेकेदार आइजीएल गैस पाइप लाइन की खोदाई का काम करता है। ठेकेदार के लिए काम करने वाले कुछ मजदूरों ने कड़कड़डूमा इंस्टीट्यूशनल क्षेत्र में डीडीए की जमीन पर झुग्गी बनाई हुई थी।

ताला खोलने के लिए चाबी ढूंढने लगा श्याम सिंह

इस झुग्गी में लाइट की व्यवस्था नहीं थी। इसलिए रात को रोशनी के लिए डीजल से डिबिया जलाते थे। सोमवार रात को ड्यूटी से आने के बाद नितिन, श्याम सिंह, कांता प्रसाद व जागे सिंह ने गैस चूल्हे पर खाना बनाया और रात 11 बजे झुग्गी के दरवाजे पर लोहे की चेन बांधकर अंदर से ताला लगा लिया।

नितिन ने बताया कि रात दो बजे धुएं से दम घुटने से उसकी आंख खुली तो देखा डिबिया से लकड़ी के प्लाईबोर्ड से बनाई दीवार में आग लगी हुई है। उसने शोर मचाया तो श्याम सिंह की आंख खुल गई। इनकी झुग्गी के बराबर में रोटरी क्लब का भवन है। जिसकी चार दीवारी पांच फीट ऊंची है।

नितिन ने झुग्गी के छप्पर की छत को हटाया और पास के रोटरी कल्ब के परिसर में कूद गया। उसका दावा है कि श्याम सिंह ताला खोलने के लिए चाबी ढूंढने लगा, बाकी दोनों लोग भी जाग गए। इतने में आग बढ़ गई और सिलेंडर फट गया। जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। नितिन ने फोन करके हादसे की सूचना ठेकेदार व पुलिस को दी।

शराब पीकर सो रहे थे कर्मचारी

ठेकेदार दिलीप ने बताया कि सोमवार रात को कर्मचारी खाना खाने के बाद शराब पीकर झुग्गी में सो रहे थे। आशंका है नशे की वजह से भी आग लगने पर उनकी आंख समय पर नहीं खुल सकी।

मच गई अफरा-तफरी

डीडीए के करीब तीन सौ गज के प्लॉट में छह झुग्गियां बसी हुई है। यह सभी झुग्गियां लकड़ी के प्लाईबोर्ड से बनी हुई है। उनके दरवाजे भी हैं। झुग्गियों में ठेकेदारों के लिए काम करने वाले कामगार वर्ग के लोग रहते हैं।

श्याम सिंह की झुग्गी अलग एक कोने में बनी हुई थी। जिस वक्त उनकी झुग्गी में आग लगी, वहां हड़कंप मच गया। बाकी झुग्गी में रहने वाले लोगों ने डीडीए के प्लॉट से बाहर भागकर अपनी जान बचाई। झुग्गी अगर पास-पास होती तो हादसा बड़ा हो सकता था।

मैं आइजीएल कंपनी के लिए खोदाई का काम करता हूं। अभी शास्त्री नगर में काम चल रहा है। सोमवार रात को कर्मचारी नितिन ने फोन करके बताया कि झुग्गी में आग लगी गई है। मैं मौके पर पहुंचा तो पता चला तीन कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं, दमकल ने आग बुझाने के बाद सर्च आपरेशन चलाया तो उनके शव झुग्गी के अंदर से बरामद हुए। झुग्गी मेरी नहीं थी।   -दिलीप, ठेकेदार

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