सुप्रीम कोर्ट ने पलटा MP हाईकोर्ट का फैसला, दो महिला न्यायिक अधिकारियों को किया बहाल

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में दो महिला न्यायिक अधिकारियों की सेवा समाप्ति के आदेश को खारिज करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। शीर्ष न्यायालय ने इस कार्रवाई को मनमाना और अवैध करार दिया।
15 दिनों के भीतर बहाली का आदेश
जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने निर्देश देते हुए कहा कि दोनों अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर सेवा में बहाल किया जाए। जस्टिस नागरत्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा, इन दो न्यायिक अधिकारियों की सेवा समाप्ति दंडात्मक, मनमाना और अवैध है।
पिछले साल ही सुरक्षित रख लिया था फैसला
जस्टिस नागरत्ना ने आगे कहा कि फैसले में भारतीय न्यायपालिका में महिलाओं की समस्याओं पर भी चर्चा की गई है। बता दें कि 17 दिसंबर 2024 को शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो महिला न्यायिक अधिकारियों की सेवा समाप्ति से संबंधित मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
MP हाईकोर्ट ने दिया था बर्खास्तगी आदेश
शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर 2023 को राज्य सरकार द्वारा कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण छह महिला सिविल जजों की बर्खास्तगी का स्वत: संज्ञान लिया था।
हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की एक पूर्ण अदालत ने 1 अगस्त 2024 को अपने पहले के प्रस्तावों पर पुनर्विचार किया और चार अधिकारियों- ज्योति वरकड़े, सोनाक्षी जोशी, प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी की सेवा को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया था।
जबकि अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी की बर्खास्तगी कायम रखी थी।