भू-उपयोग के 599 मामलों में उल्लंघन, नौ हेक्टेयर जमीन जब्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक, पर्यटन, शैक्षणिक, स्वास्थ्य तथा कृषि एवं औद्यानिक समेत विभिन्न प्रयोजन के लिए राज्य सरकार एवं जिलाधिकारी के स्तर से कुल 1883 भूमि क्रय करने की अनुमति दी गई।

इनमें से 599 भू-उपयोग उल्लंघन के प्रकरण रहे। 572 प्रकरणों में न्यायालय में वाद दायर किए गए। 16 प्रकरणों में वाद का निस्तारण करते हुए 9.4760 हेक्टेयर भूमि राज्य सरकार में निहित की गई। शेष प्रकरणों में कार्यवाही की जा रही है।

सीएम धामी ने भू-कानून विधेयक पर चर्चा में लिया भाग

मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा सत्र के दौरान भू-कानून विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में प्रदेश में विभिन्न उपक्रम के माध्यम से स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार देने के नाम पर भूमि खरीदी जा रही थीं। भू-प्रबंधन एवं भू-सुधार कानून बनने के पश्चात इस पर पूर्ण रूप से लगाम लगेगी।

इससे असली निवेशकों और भूमाफिया के बीच का अंतर भी साफ होगा। राज्य सरकार ने बीते वर्षों में बड़े पैमाने पर वन भूमि और सरकारी भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाया है। 3461.74 एकड़ वन भूमि से कब्जा हटाया गया है। यह कार्य इतिहास में पहली बार हमारी सरकार ने किया। इससे इकोलाजी और इकोनामी दोनों का संरक्षण मिला है।

लीजिंग ड्राफ्ट उपलब्ध कराएंगे

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की जनता की जनभावनाओं एवं अपेक्षाओं के अनुरूप निर्णय लिया है। उत्तराखंड में पर्वतीय इलाकों के साथ मैदानी इलाके भी हैं। जिनकी भौगोलिक परिस्थिति एवं चुनौतियां अलग-अलग हैं।

उन्होंने कहा कि स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड राज्य के लिए औद्योगिक पैकेज दिया था। इससे राज्य में बड़ी संख्या में औद्योगीकरण हुआ। ऐसे में राज्य में आने वाले असल निवेशकों को कोई दिक्कत न हो, निवेश भी न रुके। उसके लिए इस नए कानून में व्यवस्था बनाई गई है। प्रदेश सरकार लीजिंग ड्राफ्ट उपलब्ध कराएगी।

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