मुंबई में मकान बेचने के नाम पर 20 लोगों से करोड़ों की ठगी, जानिए पूरा मामला

मुंबई पुलिस ने एक आईपीएस अफसर के पति के खिलाफ 25 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में FIR दर्ज किया है। पुलिस टीम की ओर से इस मामले में कोलाबा स्थित अधिकारी के आवास पर तलाशी भी ली गई। एसपी-रैंक आईपीएस अधिकारी के पति का नाम पुरुषोत्तम प्रभाकर चव्हाण है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने उनके खिलाफ ऐक्शन लिया है। उन पर प्रभादेवी, दादर, परेल, ठाणे और पुणे में फ्लैट और प्लॉट बेचने के बहाने 20 लोगों से 24.78 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है। इसके लिए उन्होंने सरकारी कार्यालयों में अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और रियायती दरों पर खरीदारी का झांसा देते रहे।

आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद हफ्तों तक शुरुआती जांच की गई। इसके बाद, कोलाबा पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई और ईओडब्ल्यू ने जांच अपने हाथ में ले लिया। चव्हाण के अलावा FIR में कुछ और भी लोगों को नामित किया गया है। दूसरे आरोपियों में प्रसाद देसाई, संजय पाटिल, गणेश पाटिल, दीपक मोरे, एनडी निर्मले, गोविंद सावंत, शशांक लिमये और यशवंत पवार शामिल हैं। सहायक उप-रजिस्ट्रार, परेल-सिवड़ी स्टांप पंजीकरण कार्यालय के अधिकारी और दूसरे लोगों के नाम भी लिस्ट में हैं। आरोप है कि इन लोगों ने मुख्य अपराधी को डुप्लिकेट दस्तावेज तैयार करने में मदद की थी।

सरकारी विभागों में अपने प्रभाव का किया इस्तेमाल

रिपोर्ट के मुताबिक, सायन स्थित 57 वर्षीय व्यवसायी केदार देगवेकर ने धोखाधड़ी को लेकर शिकायत की थी, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई। वह साल 2019 से चव्हाण को जानते थे। FIR में कहा गया कि चव्हाण ने बहाने से दूसरे आरोपियों के खातों से धन अपने अकाउंट में ले लिए। वह मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों में अपने प्रभाव का उपयोग करता रहा। उसने रियायती कीमतों पर सरकारी कोटे की संपत्ति (जमीन और फ्लैट) बेचने का झांसा दिया। शिकायतकर्ता ने कहा, ‘चव्हाण ने हमसे पहले पैसे मांगे और वह इसे सरकार के पास जमा कर देगा। इसके बाद सरकारी कोटे से घर के आवंटन की प्रक्रिया पूरी होगी और हमें कब्जा मिल जाएगा। इसके लिए हम लोग तैयार हो गए मगर हमारे साथ धोखा हुआ।’

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