लखनऊ विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स का प्रदर्शन,एडमिशन सेल का किया घेराव
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लखनऊ,लखनऊ विश्वविद्यालय में शुक्रवार को संयुक्त छात्र मोर्चा के बैनर तले छात्रों के गुट ने कैंपस में जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा में ट्रांसपेरेंसी की मांग करते हुए एडमिशन सेल में धरना दिया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग थी कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्र की आंसर की, बिना देरी किए तत्काल जारी की जाए। इसके अलावा जेआरएफ और नीट के परिणामों का दोबारा सत्यापन कराया जाए। दोपहर बाद कैंपस में जुटे छात्र एडमिशन सेल पहुंचे। छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही और प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के चलते कई योग्य उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे में यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो एडमिशन में बड़ा खेल हो जाएगा।
इसी मसले पर स्टूडेंट्स ने एडमिशन कोऑर्डिनेटर यानी प्रवेश समन्वयक को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान आईसा, एनएसयूआई सहित कई छात्र संगठन से जुड़े छात्रों ने संयुक्त छात्र मोर्चा के नाम से पैदल मार्च करके एडमिशन सेल पहुंचे। इस दौरान पीएचडी में धांधली नहीं सहेंगे के नारे भी लगे। एडमिशन कोऑर्डिनेटर के चौंबर जाकर स्टूडेंट्स धरने पर बैठ गए। छात्रों को समझाने मौके पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य पहुंचे। इस बीच स्टूडेंट्स की नारेबाजी जारी रही। फिर किसी तरह ज्ञापन सौंपने के लिए छात्र तैयार हुए। मौके पर ही जब छात्रों ने ज्ञापन पढ़ना शुरू किया तो प्रॉक्टोरियल चीफ सहित प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ बहस होने लगी। हालांकि, बाद में छात्रों ने ज्ञापन देकर धरना खत्म कर दिया।
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि कई विभागों में आरक्षण नीति को ठीक से लागू नहीं किया गया है, जिससे रिजर्व कैटेगरी के छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने आरक्षण मानदंडों के अनुसार सीटों की गहन समीक्षा कर फिर से आवंटन करने की मांग की। आईसा लखनऊ विश्वविद्यालय के संयोजक हर्षवर्धन ने कहा कि कई छात्रों ने जेआरएफ और नीट इवैल्यूएशन की बात कही है। अगर प्रशासन को अपनी प्रक्रिया पर भरोसा है, तो फिर से सत्यापन की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है? छात्रों को न्यायपूर्ण और निष्पक्ष मूल्यांकन मिलना चाहिए।