गाजा को दोबारा बनाने में लग जाएंगे दशक, ट्रंप के दूत ने दयनीय स्थिति को लेकर जताई चिंता
गाजा में एक साल से भी ज्यादा समय तक चली जंग अब थम चुकी है। इस जंग में ना सिर्फ गाजा की बड़ी आबादी मिट गई बल्कि शहर के शहर तबाह हो गए। गाजा के अधिकारियों के मुताबिक इस जंग में 45 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। वहीं यहां की 90 प्रतिशत आबादी को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा। युद्धविराम की घोषणा के बाद लोग वापस गाजा के उत्तरी इलाकों में लौटने लगे हैं लेकिन वहां उन्हें मलबे के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा है। हाल ही में ट्रंप के राजदूत ने गाजा की दयनीय स्थिति को लेकर चिंता जताई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मिडिल ईस्ट के दूत स्टीव विटकॉफ ने बीते दिनों गाजा का दौरा किया। दौरे के बारे में बात करते हुए उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया है कि गाजा में लगभग सब कुछ खत्म हो चुका है और युद्ध से तबाह हुए इस इलाके के पुनर्निर्माण में 10 से 15 साल लग सकते हैं।
विटकॉफ ने गाजा का दौरा करने के बाद बताया, “लोग अपने घरों की ओर जा रहे हैं। वहां न तो पानी है और न ही बिजली। वहां जो हुआ है वह कि आश्चर्यजनक है।” गौरतलब है कि विटकॉफ कतर और दूसरे अरब देशों के साथ व्यापारिक संबंध रखते हैं। वह इजरायल और हमास के बीच हुए युद्ध विराम समझौते की देखरेख करने के लिए गाजा पहुंचे थे। उनका यह बयान इसीलिए भी अहम है क्योंकि ट्रंप ने हाल ही में यह कहा था कि गाजा के देशों को अरब देशों में पनाह ले लेनी चाहिए। हालांकि फिलिस्तीनियों को गाजा छोड़ने का कोई भी सुझाव सुझाव मंजूर नहीं है।
‘चलना भी सुरक्षित नहीं’
विटकॉफ ने एक्सियोस वेबसाइट को बताया, “हम पांच सालों में गाजा के पुनर्निर्माण के लिए एक ठोस योजना बना सकते हैं। लेकिन यह असंभव है। इसमें 10 से 15 साल लग सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “वहां कुछ भी नहीं बचा है। वहां चलना भी सुरक्षित नहीं है। यह बहुत खतरनाक है। मैं वहां जाकर निरीक्षण किए बिना यह नहीं जान पाता।”
10,000 शव दफन
इससे पहले इस महीने जारी किए गए संयुक्त राष्ट्र के आकलन के मुताबिक यहां युद्ध के 50 मिलियन टन से अधिक मलबे को साफ करने में 21 साल लग सकते हैं और इसकी लागत 1.2 बिलियन डॉलर तक हो सकती है। वहीं अधिकारियों के मुताबिक मलबे में संभवतः मानव अवशेष भी हो सकते हैं। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमान है कि मलबे के नीचे 10,000 शव दफन हैं।