महाकुंभ में मची भगदड़ मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जनहित याचिका दाखिल
महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या से पहले प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मंगलवार रात भगदड़ मच गई थी। बुधवार रात घटी इस घटना में 30 लोगों की मौत हो गई। वहीं, कई लोग घायल हो गए। इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
महाकुंभ जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भगदड़ को रोकने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश, नीति और नियम बनाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई।
पीआईएल में क्या की गई मांग?
एक वकील द्वारा दायर जनहित याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि यह सुनिश्चित की जाए कि वीआईपी आवाजाही से आम श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। वहीं, महाकुंभ में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान प्रदान किया जाए।
जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को 29 जनवरी को हुई महाकुंभ 2025 भगदड़ की घटना पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देने की भी मांग की गई। वहीं, इस भगदड़ के लिए जो अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनपर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
कैस मची थी भगदड़?
मौनी अमावस्या के मौके पर संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ बढ़ गई थी। भीड़ इतनी बढ़ गई कि लोग सो रहे श्रद्धालुओं पर बैरिकेडिंग तोड़कर चढ़ गए। घटना और लगातार भीड़ बढ़ने के बाद, प्रशासन ने अखाड़ों से अपने अनुष्ठान स्नान को अस्थायी रूप से स्थगित करने का अनुरोध किया।