पूजा खेडकर को SC से बड़ी राहत, UPSC फ्रॉड मामले में गिरफ्तारी पर लगी रोक
UPSC फ्रॉड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व IAS ट्रेनी पूजा खेडकर को राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। जस्टिस बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने अग्रिम जमानत की मांग करने वाली खेडकर की याचिका पर दिल्ली सरकार और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नोटिस जारी किया है। पूजा खेडकर ने उच्चतम न्यायालय में दिल्ली हाई कोर्ट के उसे आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उनकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी गई थी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के मुताबिक पूजा खेडकर को अगली सुनवाई तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा। पूजा खेड़कर ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में जिन दस्तावेजों और आवेदन पत्रों का उल्लेख किया गया है वह पहले से ही अभियोजन पक्ष के पास है इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है। पूजा खेड़कर ने यह तर्क भी दिया है कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह एक अविवाहित दिव्यांग महिला है।
फर्जीवाड़े के लगे हैं आरोप
गौरतलब है कि पूजा खेडकर पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षण का लाभ उठाने के लिए गलत जानकारी देने का आरोप है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी और दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित कोटा का फर्जी तरीके से इस्तेमाल किया था और इसके जरिए उन्होंने परीक्षा पास की थी। हालांकि खेडकर ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का खंडन किया है। खेडकर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। 12 अगस्त 2024 को हाई कोर्ट ने उन्हें अंतरिम सुरक्षा दी थी लेकिन 23 दिसंबर को कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
खेडकर के चयन को किया गया था रद्द
पूजा खेडकर के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद यूपीएससी ने उनके चयन को रद्द कर दिया था। यूपीएससी ने उन्हें भविष्य में सभी परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं से स्थाई रूप से प्रतिबंधित भी कर दिया है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।