देश में HMPV के 6 मामले आए सामने, जाने वायरस से जुड़ी 10 बड़े अपडेट…
चीन से आए एचएमपीवी वायरस (HMPV) ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ने सोमवार को भारत में भी दस्तक दी। देखते ही देखते एक दिन में 6 मामले सामने आए। पहले सुबह में दो मामले कर्नाटक के बेंगलुरू से सामने आए थे और फिर गुजरात में इसका संदिग्ध मिला है। वहीं दो मामले तमिलनाडु से सामने आए।
भारत में इस वायरस से संक्रमित होने वाले ये सभी बच्चे हैं, जिनमें से एक ठीक होकर घर भी चला गया। ये वायरस कब आया, इसके लक्षण क्या है और इस वायरस से जुड़ी कुछ जरूरी बातें आपको बताते हैं।
HMPV Virus पर 10 बड़ी बातें
- चीन में तेजी से फैलते ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के 6 मामले भारत में मिलने की आइसीएमआर ने पुष्टि की है।
- आइसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है।
- महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डाक्टर अतुल गोयल के अनुसार एचएमपी वायरस नया नहीं है और भारत समेत दुनिया के सभी देशों में लंबे समय से सक्रिय रहा है।
- सामान्य न्यूमोनिया वायरस की सर्दियों में फैलने की अगर बात करें तो सर्दियों में इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन भारत में इसका संक्रमण बढ़ने का कोई संकेत नहीं मिला है।
- स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सर्दियों के मौसम में न्यूमोनिया वायरस का संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है और बुजुर्गों और पांच साल से कम उम्र के बच्चों को अधिक प्रभावित करता है
- इसकी पहचान 2001 में हुई थी और यह कई सालों से पूरी दुनिया में फैला हुआ है। एचएमपीवी हवा के माध्यम से, श्वसन के जरिए फैलता है। यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
- भारत में आए दोनों ही मामले का पता आइसीएमआर के नियमित निगरानी से सामने आया है। वायरस संक्रमण पर नजर रखने के लिए न्यूमोनिया के कुछ मामलों लेबोरेटरी में सैंपल भेजा जाता है और जिससे संक्रमण करने वाले वायरस की सही पहचान की जा सके।
- HMPV वैश्विक स्तर पर पहचाना गया श्वसन संबंधी बीमारी पैदा करने वाला वायरस है, इस वजह से सभी आयु वर्ग के लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसमें मरीजों को खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और नाक बहने जैसी समस्याएं होती हैं।
- स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पूरे देश में इस समय न्यूमोनिया वायरस के संक्रमण के कारण होने वाले सर्दी-जुकाम और सांस लेने में तकलीफ से संबंधित बीमारियों पर नजर रखी जा रही है। लेकिन अभी तक इसमें किसी तरह की तेज बढ़ोतरी के संकेत नहीं मिले हैं।
- वहीं एचएमपीवी की एडवाइजरी में कहा गया है, ‘अपने हाथों को साबुन और पानी या अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से बार-बार धोएं। भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें, फ्लू से प्रभावित व्यक्तियों से एक हाथ से अधिक दूरी बनाए रखें।