नव वर्ष के स्वागत में सत्य मंदिर में वैदिक यज्ञ का आयोजन

लखनऊ, नव वर्ष के स्वागत में सिद्ध शक्तिपीठ सत्य मंदिर की पावन भूमि पर संपूर्ण विश्व की मंगल कामना हेतु एक विशाल वैदिक यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का आरंभ भगवान की वाणी के पाठ से हुआ। उसके उपरांत आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां पूनम जी एवं दिव्य शक्ति योगीराज श्री अभिनव महाराज जी की पावन उपस्थिति में वैदिक यज्ञ आरंभ किया गया।

इस वैदिक यज्ञ में केवल वही श्रद्धालुजन आहुति का अर्पण कर पाए, जो शुद्ध शाकाहारी थे। इस अवसर पर आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां पूनम जी ने अपने प्रवचन में बताया कि अगर आप आने वाले वर्ष में ईश्वर की कृपा और संरक्षण पाना चाहते हैं तो संरक्षण देना सीखें असहाय असमर्थ पशु पक्षियों को, अगर आपके हाथों में किसी निर्दोष पशु का रक्त लगा है तो आपके द्वारा किया गया कोई भी पूजा पाठ या दिया गया कोई भी अर्पण भगवान स्वीकार नहीं करते हैं।

दिव्य शक्ति मां जी ने आगे कहा कि भगवान के आलौकिक मंत्र जाति है इंसान की, धर्म है मानवता का से प्रेरित होकर समाज के विभिन्न वर्गों में जाति प्रथा, दहेज प्रथा, कन्या उत्पीड़न, अंधविश्वास जैसी कुरीतियों का अंत हुआ है। यही नहीं, धर्म है मानवता के मंत्र से प्रेरित होकर आज बड़ी संख्या में लोग मांसाहार का त्याग कर शाकाहारी बने हैं। सत्य मंदिर की प्रवक्ता कोमल पत्रकार ने बताया कि देश विदेश में विख्यात सिद्ध शक्तिपीठ सत्य मंदिर जिसकी स्थापना श्री कृष्ण चेतना अवतार देवी मां जी के द्वारा 1989 में इंदिरा नगर लखनऊ में हुई थी, की पावन भूमि से आज तक कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा है।

सबकी मनोकामनाएं पूर्ण हुई है और जीवन की विकट से विकट परिस्थितियों, संघर्षों से, असाध्य रोग और कष्टों से मुक्ति मिली है। आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां जी एवं दिव्य शक्ति योगीराज श्री अभिनव महाराज जी सत्य मंदिर लखनऊ द्वारा समय-समय पर मानवता और श्री कृष्ण भगवान की गीता पर आधारित दिव्य कर्मों की प्रेरणा देने वाले सत्संग भारत के अनेक शहरों में जैसे फरीदाबाद, दिल्ली, अल्मोड़ा, जयपुर, आगरा, अयोध्या, ग्वालियर, कानपुर में हो चुके है तथा विदेश में भी जैसे इंग्लैंड, सिंगापुर में भी सत्संग आयोजित किया जा चुका है। प्रवचन के उपरांत भारी संख्या में आने वाले भक्तगणों ने श्री कृष्णचेतनावतार देवी मां द्वारा लिखित एवं स्वरबध दिव्य भजनों का आनंद लिया तथा महाआरती एवं प्रसाद द्वारा कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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