उत्तर भारत में ठंड का कहर, इन राज्यों में मौसम विभाग ने अलर्ट किया जारी

नए साल की शुरुआत कड़ाके की सर्दी से होने जा रही है। जनवरी के पहले हफ्ते में दो पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ आने वाले हैं, जिससे न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट होगी। इसके बाद लगभग देश के तीन चौथाई भागों में सर्द हवाओं का विस्तार हो जाएगा।

जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं बिहार-झारखंड तक गलन बढ़ेगी। तेलंगाना-महाराष्ट्र तक असर देखा जाएगा। इसी दौरान बंगाल की खाड़ी में भी निम्न दबाव का क्षेत्र बनेगा, जिससे कहीं-कहीं बारिश भी हो सकती है।

पहाड़ों पर तीन से छह जनवरी के बीच हो सकती है बर्फबारी 

मौसम से संबंधित एजेंसी स्काइमेट ने बताया है कि पहली जनवरी से छह जनवरी के बीच उत्तर के पहाड़ों पर लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ के आने की स्थिति बन चुकी है। इससे पहाड़ों पर तीन से छह जनवरी के बीच भारी बर्फबारी हो सकती है। इसके पहले तीन दिनों तक बारिश के असर से उत्तर भारत के राज्यों के न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है।

कुछ दिनों में इन राज्यों में साफ होगा मौसम 

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कोहरे का असर भी रहेगा, किंतु एक-दो दिनों में जैसे ही हवा की गति बढ़ेगी, वैसे ही कोहरा छंट जाएगा। मौसम साफ होगा और धूप निकलेगी। इससे दो एवं तीन जनवरी के बीच मैदानी इलाकों के न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है, मगर पश्चिमी विक्षोभ का असर होते ही तीन-चार जनवरी की रात से तापमान फिर गिरने लग जाएगा। इसी दौरान पहाड़ियों के तलहटी क्षेत्रों में भी बर्फबारी होने लगेगी।

हरिद्वार-ऋषिकेश में हो सकती है बारिश

तीन से छह जनवरी के बीच हिमाचल और उत्तराखंड में भी बर्फबारी की संभावना है। कुल्लू, मनाली, शिमला में भी भारी बर्फबारी के संकेत हैं। इसका असर नीचे के इलाकों जैसे हरिद्वार और ऋषिकेश तक देखा जा सकता है। यहां बर्फबारी नहीं, मगर बारिश हो सकती है। अगले हफ्ते से हवाओं में ठंडक बढ़ने के चलते पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रात में पाला गिरने के आसार हैं।

बिहार-झारखंड में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज? 

किंतु दिन में धूप निकलेगी। कुछ इलाकों में कोहरा छा सकता है। बिहार और झारखंड में भी सर्द हवा चलेगी। मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में मौसम साफ रहेगा। धूप निकलेगी मगर सर्द हवा चलती रहेगी। इस बार के हिमपात का असर तेलंगाना और महाराष्ट्र तक देखा जाएगा। मुंबई में भी तापमान गिरेगा।

आमतौर पर पहाड़ों पर बर्फबारी होती है तो उसका असर मैदानी इलाकों तक होता है। तापमान गिरने लगता है, लेकिन इस बार की बर्फबारी के बाद न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है, क्योंकि हवा की दिशा में परिवर्तन हो जाएगा।

अभी जो हवाएं उत्तर से दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर आ रही हैं, वह पश्चिमी विक्षोभ के असर से विपरीत दिशा में बहने लगेंगी। इससे दो से तीन दिनों तक न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी, किंतु उसके बाद मैदानी इलाकों में भी बर्फबारी और बारिश की शुरुआत होगी तो तापमान में गिरावट शुरू हो जाएगी।

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