कोर्ट के आदेशों का पालन करें, धर्म संसद को लेकर HC का हरिद्वार SSP को आदेश
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हरिद्वार के सीनियर पुलिस सुपरिटेंडेंट (एसएसपी) को शहर में प्रस्तावित ‘धर्म संसद’ के मद्देनजर कानून-व्यवस्था कायम रखने के निर्देश दिए। गाजियाबाद के डासना मंदिर के विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद ने ‘धर्म संसद’ का आह्वान किया है। नरसिंहानंद अक्सर अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा भाषणों को लेकर खबरों में रहते हैं।
कोर्ट के आदेशों का पालन करें
हरिद्वार में धर्म संसद को लेकर हाईकोर्ट ने एसएसपी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा है, ताकि वहां कानून व्यवस्था बनी रहे। हरिद्वार के जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद की ओर से 19 से 21 दिसंबर तक धर्म संसद का आमंत्रण कई संगठनों को दिया गया है। इस आयोजन को रोकने को लेकर दायर याचिका पर शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट ने शाइन अब्दुल्लाह बनाम केंद्र सरकार कस में सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए थे कि यदि कोई व्यक्ति विशेष किसी जाति, धर्म के खिलाफ भड़काऊ भाषण का सहारा लेता है, तो संबंधित राज्य सरकार बिना किसी शिकायत का इंतजार करे स्वत: संज्ञान लेकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करे। मामले के अनुसार, हरिद्वार निवासी मोहित चौधरी ने याचिका दायर कर कहा है कि जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद ने भड़काऊ भाषण का सहारा लेकर एक नया राष्ट्र बनाने के लिए संबंधित संगठनों को आमंत्रण भेजकर 19 से 21 दिसंबर तक धर्म संसद में प्रतिभाग करने का आमंत्रण पत्र भेजा है। याचिका में कहा है कि यह सर्वोच्च न्यायालय के राज्य सरकारों को दिए गए दिशा-निर्देशों के खिलाफ है।
धर्म संसद का लक्ष्य वैदिक राष्ट्र की स्थापना
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के परिसर माया देवी मंदिर में शुक्रवार को विश्व धर्म संसद में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि धर्म संसद का प्रमुख लक्ष्य सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना रहेगा। अगर हम सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना करने में असफल हो गए तो सनातन धर्म का विनाश कोई नहीं रोक सकेगा। जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने पर पहले दिन विश्व धर्म संसद नहीं हो सकी थी लेकिन शुक्रवार को माया देवी मंदिर में धर्म संसद आयोजित की गई। इसमें अलग अलग राज्यों से आये साधु संतों ने हिस्सा लिया।