तुलसी माला धारण करते समय इन बातों का रखें ध्यान, तभी मिलेगा पूर्ण फल
सनातन धर्म में तुलसी को जगत के पालनहार भगवान विष्णु से जोड़कर देखा जाता है, क्योंकि तुलसी का पौधा श्रीहरि को प्रिय है। जातक देवी लक्ष्मी और विष्णु जी की कृपा प्राप्त करने के लिए तुलसी की माला (Tulsi Mala Rules) धारण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी माला के नियम (Tulsi Mala Pehne Ke Niyam) का पालन न करने से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, तो ऐसे में नियम का पालन करना बेहद आवश्यक होता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- तुलसी की माला धारण करने से पहले से इसे गंगाजल से शुद्ध करें।
- इसे धारण करने वाले जातक को मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जातक को रोजाना सुबह पूजा के दौरान श्रीहरि के मंत्रों का जप करना चाहिए।
- जातक को रुद्राक्ष की माला पहनने से बचना चाहिए।
- ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस माला को धारण करने से जीवन के सभी तरह के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है।
- इसके अलावा किसी के बारे में गलत न सोचें और किसी को गलत शब्द न बोलें।
इन जगहों पर जाना है वर्जित
तुलसी की माला धारण करने वाले इंसान को श्मशान घाट जाने से बचना चाहिए। अगर जरुरी काम से श्मशान घाट से जाना है, तो तुलसी की माला को पहले उतारकर गंगाजल में रख दें। वहां से आने के बाद इसे धारण करें।
इस दिन धारण कर सकते हैं माला
सनातन शास्त्रों के अनुसार, तुलसी माला को धारण करने के लिए सोमवार, बुधवार और गुरुवार का दिन शुभ माना जाता है। रविवार और अमावस्या के दिन तुलसी माला नहीं पहननी चाहिए।
तुलसी माला धारण करने से मिलते हैं ये आध्यात्मिक लाभ
- तुलसी माला धारण करने वाले जातक को मानसिक शांति प्राप्त होती है। साथ ही तनाव और चिंता से छुटकारा मिलता है।
- एकाग्रता में वृद्धि होती है।
- इसके अलावा बुध और शुक्र ग्रह मजबूत होते हैं।
- घर में सुख-शांति का आगमन होता है।
- जातक पर सदैव मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
- धन लाभ के योग बनते हैं।
माला टूटने पर क्या करें?
यदि आपकी माला किसी वजह से टूट गई है, तो ऐसे में माला को इधर-उधर भूलकर भी न फेंके। इसे पवित्र नदी में विसर्जित कर दें। इसके अलावा तुलसी के पौधे में भी टूटी हुई माला को रख सकते हैं। इसके बाद नई माला को शुद्ध कर धारण करें।