उत्तराखंड के जोशीमठ में पिता ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ की दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट में मिली सजा

उत्तराखंड के जोशीमठ में एक हैवान पिता ने अपनी नाबालिग बेटी को हवस का शिकार बनाया था। इस मामले में कोर्ट दोषी पिता को बड़ी सजा सुनाई है। अपनी नाबालिग पुत्री से दुष्कर्म के मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश चमोली की अदालत ने पिता को दोषी माना। विशेष सत्र न्यायाधीश विध्यांचल सिंह ने बुधवार को दोषी को पॉक्सो ऐक्ट के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी पिता पर जुर्माना भी लगाया है।

कोर्ट ने पिता को 20 साल की जेल की सजा सुनाने के साथ जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि दोषी पिता को 20 हजार रुपये अर्थदंड भी देना होगा। कोर्ट ने राज्य सरकार से भी प्रतिकर के रूप में पीड़िता को 30 दिन के भीतर तीन लाख रुपये देने के निर्देश दिए हैं। इस प्रकरण में पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो मोहन पंत ने फैसले की जानकारी दी।

कैसे खुला मामला

इस घटना की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक ने बताया कि जोशीमठ में पीड़िता अपने परिवार के साथ किराये पर रहती थी। 2022 में पीड़िता की मां अपने गांव गई थी। तीन दिन बाद उसने अपने बच्चों को भी गांव बुला लिया। इसके बाद जब वह पीड़िता को नहला रही थी तो उसने दस वर्षीय बेटी के शरीर पर दाने देखे। बेटी के प्राइवेट पार्ट पर भी सूजन थी। बच्ची की हालत देखकर मां के पैरों तले जमीन खिसकर गई। बाद में इस बार में पूछने पर पीड़िता लड़की ने बताया कि उसके पिता ने उसके साथ गलत हरकत की थी। पीड़िता की मां ने जोशीमठ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करा दी। आरोपी को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया गया। मामले में पेश साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर विशेष सत्र न्यायाधीश विध्यांचल सिंह ने आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। अब हैवान पिता को अगले 20 साल जेल में गुजारने पड़ेंगे।

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