MP में फर्जीवाड़ा करके चपरासी ने डकारे 10 करोड़, गबन के पैसों से खरीदीं सरकारी जमीनें- 6 अरेस्ट
मध्य प्रदेश में चपरासी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके ऊपर 10 करोड़ रुपए गबन करने का आरोप है। इन पैसों की मदद से आरोपियों ने सरकारी योजनाओं की मदद से सब्सिडी वाली जमीने खरीदी थीं। इसकी शुरुआत करीब चार महीना पहले हुई थी, जब मुख्य आरोपी ब्रजेंद्र दास नामदेव मध्य प्रदेश सीड सर्टिफिकेशन एजेंसी में चपरासी के पद पर काम करता था।
आरोपी चपरासी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर एक बैंक खाते में 10 करोड़ रुपए की फिक्स डिपॉजिट कर ली थी। नामदेव ने अपने सहयोगी दीपक पंटी के साथ मिलकर इस घोटाले से जुड़े नकली दस्तावेज और मुहर(सील) बनवाई थी। दीपक पंटी इसी विभाग मेंअकाउंट असिसटेंट के पद पर काम करता है। इन जाली दस्तावेजों की मदद से फिक्स डिपॉजिट के पैसों को नामदेव के अकाउंट में ट्रांसफर करा लिया गया। पैसे ट्रांसफर कराने में बैंक मैनेजर नोएल सिंह भी शामिल था।
जाली दस्तावेजों में नामदेव ने खुदको आहरण और संवितरण अधिकारी( ड्रॉविंग एंड डिसबर्सिंग ऑफिसर) बताया था। विभाग की फर्जी मुहर और जारी हस्ताक्षर करके इन लोगों ने फिक्स डिपॉजिट के पैसों को ट्रांसफर कराया था। इसके लिए आरोपियों ने 5-5 करोड़ के दो डिमांड ड्राफ्ट बनवाए थे।
आरोपी धनंजय गिरी की मिलीभगत से एक निजी बैंक के सीनियर सेल्स मैनेजर नामदेव को बीज प्रमाणीकरण अधिकारी घोषित कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसी बैंक में बिना किसी सत्यापन के खाता खुलवाया गया। 10 करोड़ रुपये के डिमांड ड्राफ्ट की राशि नए खाते में ट्रांसफर की गई और फिर यह राशि 50 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की गई।
आरोपियों में से एक शैलेंद्र प्रधान ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पहले फर्जी दस्तावेज तैयार कर ये बैंक खाते खुलवाए और फिर इन बैंक खातों में 10 करोड़ रुपये की रकम भेजी गई। जिन लोगों के नाम पर बैंक खाते पंजीकृत थे, उन्होंने अपना कमीशन काटकर आरोपियों को नकद राशि दी।
आरोपियों ने गबन की गई 10 करोड़ की रकम से 6.40 करोड़ और 1.25 करोड़ रुपये की कीमत के दो प्लॉट खरीदे। योजना के मुताबिक आरोपी राष्ट्रीय पशुपालन योजना के तहत खरीदी गई जमीन पर पांच-पांच एकड़ के तीन अलग-अलग प्रोजेक्ट शुरू करने वाले थे। इस योजना के तहत एक प्रोजेक्ट के लिए 5 करोड़ रुपये तक के लोन का प्रावधान है, जिसमें लोन पर सरकार की तरफ से 50 फीसदी सब्सिडी भी मिलती है।