केदारनाथ उपचुनाव में जीत को दोहराने का BJP का यह बना प्लान, पढ़ें पूरी खबर…

निकाय चुनाव को लेकर भले ही अभी चुनाव आयोग की ओर से कार्यक्रम का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन मुख्य राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा ने प्रत्याशी चयन को लेकर अपनी रणनीति बना ली है, इसके लिए दावेदारों का ब्योरा जुटाया जा रहा है।

आरक्षण तय होने के बाद पार्टी निकायों में पर्यवेक्षकों की 50 टोलियां भेजेगी। वहीं कांग्रेस ने मजबूत उम्मीदवारों का आकलन करने के लिए जिला प्रभारियों को फील्ड में उतार दिया है, जो कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर निकाय चुनाव पर चर्चा करेंगे। प्रदेश नेतृत्व ने भ्रमण कार्यक्रम जारी कर दिया है।

निकाय चुनाव के लिए भाजपा में दावेदारों के चयन का पहला चरण शुरू हो गया। इसके तहत पार्टी ने पिछले चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों के प्रदर्शन और अन्य मजबूत नेताओं का ब्योरा मांगा है।भाजपा निकाय चुनावों को लेकर एक्शन मोड में आ गई है। निकायों में आरक्षण की स्थिति साफ होने से पहले ही पार्टी की ओर से चुनाव प्रभारी नियुक्त किए जा चुके हैं।

जबकि अब दावेदारों के आकलन के लिए पार्टी ने जिलों से निकाय वार पिछले चुनावों में पार्टी उम्मीदवारों की स्थिति और अन्य मजूबत प्रत्याशियों का ब्योरा मांगा है। विदित है कि भाजपा ने शत प्रतिशत निकायों में जीत का लक्ष्य रखा है और उसके लिए अभी से मजबूत दावेदारों की तलाश शुरू कर दी गई है।

हालांकि आधिकारिक रूप से प्रत्याशी चयन का काम आरक्षण पर स्थिति साफ होने के बाद होगा। भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने बताया कि पार्टी ने निकाय चुनावों के लिए होमवर्क शुरू कर दिया है।

इसके तहत पार्टी ने पिछले चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों के प्रदर्शन का ब्योरा मांगा है। उन्होंने कहा कि भाजपा निकायों में शत प्रतिशत जीत के लक्ष्य पर आगे बढ़ रही है और आरक्षण पर स्थिति साफ होने के बाद प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया विधिवत रूप से शुरू की जाएगी।

प्रत्याशी चयन के लिए बनाई पर्यवेक्षकों की टोलियां

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि निकाय चुनावों के लिए आरक्षण तय होते ही पार्टी पर्यवेक्षकों की 50 टोलियों को निकायों में भेजेगी। उन्होंने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि निकाय चुनावों में शानदार जीत दर्ज करने के लिए संगठन पूरी तरह तैयार है। इस चुनाव में भी पार्टी का मुख्य फोकस बूथ प्रबंधन पर रहेगा।

आरक्षण तय होने के बाद प्रत्याशी चयन के लिए सभी निगमों में तीन पर्यवेक्षक भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि 50 से अधिक पर्यवेक्षक टोलियां निगमों, नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों का दौरा करेंगी। जो भी जांच सामने आएंगे उसे जमीनी सर्वे से मिलान करते हुए प्रदेश पार्लियामेंट्री बोर्ड को भेज दिया जाएगा।

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