अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सीरिया में हमले का दिया आदेश

सीरिया में असद सरकार के तख्तापलट के साथ ही वहां विद्रोहियों का कब्जा हो गया है। राष्ट्रपति बशर अल-असद विद्रोहियों के हमले के बाद देश छोड़कर भाग गए हैं। असद ने रूस में राजनीतिक शरण ली है। इस बीच सीरिया से असद का राज खत्म होने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुशी जताई, लेकिन अब जो बाइडन ने सीरिया में हमले का आदेश दिया है।
इस कारण हमले का दिया आदेश
दरअसल, असद सरकार के तख्तापलट के बाद भी सीरिया में अनिश्चितता के चलते बाइडन ने इस्लामिक स्टेट द्वारा नियंत्रित स्थलों पर बमबारी की है। ये क्षेत्र आतंकवादी सूची में शामिल आईएसआईएस के कब्जे में है। राष्ट्रपति बाइडन के प्रशासन ने अब सीरिया के लिए अपनी नीति को फिर से जांचने की बात कही है।
अमेरिका एक दुविधा में फंसा है, एक और असद सरकार के गिरने पर वो खुशी जता रहा है, लेकिन जिन विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा किया है, उसका नेतृत्व हयात तहरीर अल-शाम (HTS) संगठन कर रहा है, जिसे अल-कायदा से संबंध होने के कारण उसने आतंकवादी सूची में डाल रखा है।
बाइडन बोले- ISIS फायदा उठा सकता
अल-असद की सरकार के पतन का जश्न मनाते हुए बाइडन ने वाशिंगटन और क्षेत्र के सामने सीरिया में “जोखिम और अनिश्चितता” को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “आज ही, अमेरिकी बलों ने सीरिया के भीतर ISIS शिविरों और ISIS गुर्गों को निशाना बनाते हुए एक दर्जन सटीक हमले किए हैं। हमें इस बात का पूरा अंदाजा है कि ISIS इसका फायदा उठाने की कोशिश करेगा, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।”
असद सरकार के गिरने को बताया ऐतिहासिक
हालांकि, अमेरिका की दुविधा को दर्शाते हुए बाइडन ने कहा, “कोई गलती न करें, असद को हराने वाले कुछ विद्रोही समूहों का आतंकवाद और मानवाधिकारों के हनन का भी गंभीर रिकॉर्ड है।” उन्होंने कहा कि अल-असद के 24 साल के शासन का अंत, सीरिया के लंबे समय से पीड़ित लोगों के लिए अपने गौरवशाली देश के लिए बेहतर भविष्य बनाने का ऐतिहासिक अवसर है।
बाइडन ने आगे कहा, रूस, ईरान और हिजबुल्लाह के कमजोर होने के चलते ही सीरिया आजाद हुआ। इसी के चलते अल-असद की हार हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे सोच ने ही मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन को बदल दिया। रूस, यूक्रेन और ईरान में उलझा हुआ है, जिसे इजराइल से भी झटका मिला है और इसी कारण वह अल-असद की मदद नहीं कर सका।