असम के गुवाहाटी में तीन महीने तक बेटे ने माँ का नहीं किया अंतिम संस्कार, जानिए कारण…

असम के गुवाहाटी के ज्योतिकुची इलाके से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 40 वर्षीय जयदीप देव ने अपनी मां पूर्णिमा देवी के शव को तीन महीने तक घर में रखा। मां की मौत के बाद उसने इसलिए शव का अंतिम संस्कार नहीं किया कि वह फिर से जीवित हो जाएगा। मामला तब उजागर हुआ जब पड़ोसियों ने पूर्णिमा देवी को लंबे समय से न देखने और घर की बिगड़ती स्थिति पर सवाल उठाए।

पुलिस जांच के अनुसार, जयदीप की मां की मृत्यु तीन महीने पहले हो चुकी थी लेकिन उसने किसी को इसकी जानकारी नहीं दी। पड़ोसियों का कहना है कि जयदीप अपनी मां के लिए रोजाना खाना लाता था। उसके घर के बाहर कचरे का ढेर लग गया था। जब पड़ोसियों ने उससे मां के बारे में पूछा, तो उसने खुलासा किया कि उसकी मां का निधन हो चुका है। इसके बाद चिंतित पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी।

पुलिस जब जयदीप के घर पहुंची तो उन्होंने बिस्तर पर पूर्णिमा देवी का कंकाल पाया। घर के अंदर पूजा सामग्री, भगवान शिव की तस्वीर, दूब (घास) और एक जलता हुआ दीया मिला। जयदीप ने पुलिस को बताया कि वह रोज ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करता था, उसे विश्वास था कि उसकी मां फिर से जीवित हो जाएंगी।

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि पूर्णिमा देवी अपने पति की मृत्यु के बाद बेटे के साथ ही रहती थीं। उनके पति रेलवे के सेवानिवृत्त अधिकारी थे और जयदीप उनकी पेंशन पर आश्रित था। वह नियमित रूप से बैंक से पैसे निकालता था। पड़ोसियों ने जयदीप को मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया और पुलिस को शक है कि मानसिक अस्थिरता के चलते उसने अपनी मां की मौत को इतने लंबे समय तक छिपाया।

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