कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की बढ़ी मुश्किलें, लिबरल पार्टी के नेताओं ने मांगा इस्तीफा
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। अब खबर है कि लिबरल पार्टी के नेताओं ने ही उनके इस्तीफे की मांग कर दी है। साथ ही पार्टी के नेता का पद छोड़ने के लिए ट्रूडो को डेडलाइन भी थमा दी गई है। खास बात है कि यह ऐसे समय पर हो रहा है, जब भारत और कनाडा के रिश्ते तल्ख हो गए हैं। ट्रूडो ने एक मामले की जांच में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा को पर्सन ऑफ इंटरेस्ट बताया था।
समाचार एजेंसी ने सीबीसी न्यूज के हवाले से बताया है कि लिबरल पार्टी में ट्रूडो को हटाए जाने की कवायद तेज हो गई है। हाल ही में बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान सांसदों ने ट्रूडो के सामने अपने परेशानियां रखीं। खबर है कि ट्रूडो अपनी ही पार्टी में असंतोष का सामना कर रहे हैं। सांसदों ने उन्हें भविष्य पर फैसला लेने के लिए 28 अक्टूबर की तारीख दे दी है।
जो बाइडेन का दिया उदाहरण
खबरें हैं कि 24 सांसदों ने ट्रूडो को लिबरल चीफ के पद से हटाने के लिए हस्ताक्षर किए हैं। बुधवार को हुई बैठक के दौरान ब्रिटिश कोलंबिया से सांसद पैट्रिक वीलर ने ट्रूडो के इस्तीफे के पक्ष में दस्तावेज पेश किया। इसमें बताया गया था कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था, तब डेमोक्रेट्स को बढ़त मिलती दिखी थी। दस्तावेज में कहा गया है कि ऐसा ही लिबरल पार्टी के मामले में भी हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, 3 घंटे लंबी चली बैठक में किसी भी कैबिनेट मंत्री ने ट्रूडो से पद छोड़ने की अपील नहीं की। वहीं, कहा जा रहा है कि कुछ सांसद ट्रूडो के समर्थन में भी आए। माना जाता है कि कनाडा में सियासी घमासान की एक वजह भारत के साथ तनाव भी हो सकते हैं।
भारत और कनाडा
बीते साल ट्रूडो ने संसद में खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के तार भारत सरकार से जुड़े होने की आशंका जताई थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते तल्ख हो गए थे। वहीं, भारत ने आरोपों से इनकार किया था। निज्जर को NIA ने 2020 में आतंकी घोषित किया था। जून 2023 में सरी में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।