नवरात्र की सप्तमी पूजन आज, अष्टमी-युक्त नवमी पर कालका माता को लगेगा 11 हजार रसगुल्ले का भोग
शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्र अब अंतिम चरण में है। शहरभर के माता मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की कतार लग रही है। माता का विभिन्न स्वरूप में शृंगार का क्रम जारी है। इस कड़ी में गुरुवार को कुलपरंपरा अनुसार सप्तमी पूजन होगा। इसके बाद 11 अक्टूबर को अष्टमी-युक्त नवमी रहेगी और 12 को विजयादशमी मनाई जाएगी।
ज्योतिर्विद कान्हा जोशी ने बताया कि 11 अक्टूबर शुक्रवार को दोपहर 12.06 बजे तक अष्टमी तिथि और इसके पश्चात नवमी तिथि अगले दिन 12 अक्टूबर को सुबह 10.48 तक रहेगी। अष्टमी युक्त नवमी तिथि माता के प्रिय दिन शुक्रवार को है। यह संयोग साधक को मनोवांछित फल देने वाला बन रहा है। साथ ही भक्त सप्तमी, अष्टमी और नवमी पूजन अपनी कुल परंपरानुसार भी करेंगे।
विजय नगर स्थित श्री ग्वाल भैरव कालका माता मंदिर में नवमी पर माता को 11 हजार रसगुल्ले का भोग लगाया जाएगा। इस मौके पर सभा मंडप को फूलों से सजाकर, हलवे और चने का भोग लगेगा। इसके बाद दशमी पर 12 अक्टूबर को दिनभर गुरु पूजा और अखंड पाठ का समापन होगा। साथ ही 501 कन्याओं का पूजन और साड़ियों का वितरण भी किया जाएगा। माता का फूलों से शृंगार किया जाएगा।
अंबा मंदिर में एक हजार महिलाओं की महाआरती प्रसिद्ध
रायपुर के सत्ती बाजार स्थित अंबा देवी मंदिर में सप्तमी तिथि पर होने वाली कालरात्रि की महाआरती प्रसिद्ध है। लगभग एक हजार महिलाएं अपने घर से आरती की थाली सजाकर लाती हैं। 1920 में मंदिर की स्थापना हुई थी, मंदिर में पिछले 20 वर्षों से महिलाओं के नेतृत्व में महाआरती का आयोजन किया जा रहा है।
श्री शाकद्विपीय ब्राह्मण समाज ट्रस्ट के अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने बताया कि शारदीय नवरात्र के छठे दिन बुधवार को माता के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की गई। गुरुवार को सप्तमी तिथि पर कालरात्रि स्वरूप का पूजन कर महाआरती की जाएगी।
आगे खड़े होने एक घंटे पहले पहुंचेंंगी
पं. पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि शाम 7 बजे शुरू होने वाली आरती में सबसे आगे खड़े होने के लिए महिलाएं 5 बजे से पहुंचने लगेंगी। पहले पहुंचने वाली महिलाएं आरती की थाली को टेबल पर सजाकर रखतीं हैं, ताकि उस जगह कोई और न खड़ीं हो। महाआरती के दौरान प्रांगण में दूर-दूर तक महिलाएं आरती की थाली थामे खड़ी रहेंगी।महाआरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया जाएगा।
11 बजे तक गरबा नवजागृति संगठन के अध्यक्ष संदीप शर्मा ने बताया कि राजधानी में सबसे पहले गरबा का शुभारंभ अंबा मंदिर परिसर में होता है। आरती समाप्त होते ही 8 बजे से गरबा शुरू होता है। रात्रि 11.30 बजे तक गरबा समाप्त हो जाता है।