देश के इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट हुआ जारी, जाने मौसम विभाग का अपडेट…

उत्तर भारत के पहाड़ों में कमजोर पड़े मानसून के एक बार फिर सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं। मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ जिलों में दो दिन भारी वर्षा की चेतावनी दी है।

बता दें कि हिमाचल में इस बार मानसून सक्रिय होने के बाद बीच में कमजोर पड़ गया था। हालांकि, अगस्त में सर्वाधिक वर्षा हुई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव का कहना है कि प्रदेश से मानसून सामान्य तौर पर 24 सितंबर तक लौट जाता था, लेकिन अभी ऐसा नहीं लग रहा है। अब भी राजस्थान के कुछ भागों से मानसून के तहत वर्षा होने की स्थिति बनी है, जिसके फलस्वरूप प्रदेश में मानसून जाने में कुछ समय लग सकता है।

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 27 सितंबर के बाद मौसम फिर साफ होगा। इससे पहले 2019 में 11 अक्टूबर को मानसून की वर्षा पूरी तरह से बंद हुई थी। फिलहाल अभी छह अक्टूबर तक मानसून जाने के संकेत नहीं हैं। भले ही मानसून की अवधि इस वर्ष लंबी जा रही है, लेकिन प्रदेश में वर्षा सामान्य से 20 प्रतिशत कम हुई है।

उत्तराखंड में आज तीव्र वर्षा का अलर्ट

उत्तराखंड में एक सप्ताह से मौसम शुष्क है और पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। हालांकि आज मंगलवार से मौसम ने करवट ली है। देहरादून समेत पर्वतीय जिलों में दोपहर बाद वर्षा हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम ¨सह के अनुसार, बुधवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादल मंडराने के आसार हैं। कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जिलों में गरज-चमक के साथ तेज वर्षा हो सकती है। इसे लेकर कुमाऊं मंडल में यलो अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून में हल्की वर्षा के आसार हैं।

10 स्थानों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री पार

हिमाचल में पांच दिन से वर्षा नहीं हुई है। इसके चलते निचले व मध्यम ऊंचाई वाले स्थानों पर अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। प्रदेश के 10 स्थानों पर अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया। ऊना में सबसे अधिक तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस रहा। शिमला और इसके आसपास पर्यटन स्थलों पर अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री रहा। दोपहर बाद बादल छाने व ठंडी हवा चलने से पर्यटकों व स्थानीय लोगों को राहत मिली।

अगैती फसलों पर आफत बरसाकर जा रहा मानसून

देश के पश्चिमी हिस्से से मानसून की वापसी प्रारंभ हो गई है। इस बार सामान्य से छह प्रतिशत ज्यादा बारिश के साथ देर से लौटते मानसून के चलते बिहार, झारखंड एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में पछैती फसलों को तो फायदा होगा, ¨कतु उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से में पककर तैयार अगैती फसलों को क्षति होने लगी है। पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की फसल तैयार है। अधिक बारिश से खेतों में खड़ी फसल गिर सकती है। मानक से ज्यादा नमी से मंडियों में बिक्री में परेशानी हो सकती है। खेतों के अधिक गीला होने से दलहन एवं तिलहन फसलों की बुआई में भी देरी होगी।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker