अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को लिखा पत्र

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को लेटर लिखा है। उन्होंने पीएम मोदी की रिटायरमेंट समेत 5 मुद्दों पर उनसे जवाब देने की अपील की है। केजरीवाल ने लेटर में कहा है कि उन्होंने लेटर राजनीतिक दल के नेता की हैसियत से नहीं बल्कि सामान्य नागरिक तौर पर लिखा है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि भागवत जवाब देंगे। 

उन्होंने कहा कि वह देश के हालात को लेकर चिंतित हैं। केजरीवाल ने लिखा, ‘जिस दिशा में बीजेपी की केंद्र सरकार देश और देश की राजनीति को ले जा रही है, यह पूरे देश के लिए हानिकारक है। अगर यही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा, हमारा देश खत्म हो जाएगा। पार्टियां तो आती-जाती रहेंगी, चुनाव आते-जाते रहेंगे, नेता आते-जाते रहेंगे, लेकिन भारत देश हमेशा रहेगा। इस देश का तिरंगा आसमान में गर्व से हमेशा लहराए, ये सुनिश्चित करना हमारी सबकी जिम्मेदारी है।’

केजरीवाल ने कहा कि उनकी मंशा सिर्फ भारतीय लोकतंत्र को बचाने और मजबूत करने की है। उन्होंने कहा कि जो सवाल वह पूछ रहे हैं वे जनता के मन में हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि लालच और ईडी-सीबीआई की धमकी देकर दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़ा जा रहा है और सरकारों को गिराया जा रहा है। क्या बेईमानी करके सत्ता हासिल करना आपको या आरएसएस को मंजूर है?

दूसरे सवाल में केजरीवाल ने कहा कि खुद प्रधानमंत्री और अमित शाह ने जिन नेताओं को भ्रष्टाचारी कहा उन्हें कुछ दिन बाद भाजपा में शामिल करा लिया। क्या आपने या आरएसएस कार्यकर्ताओं ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी? क्या यह सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता? तीसरे सवाल में केजरीवाल ने भागवत से पूछा है कि क्या उन्होंने कभी प्रधानमंत्री को यह सब करने से रोका। केजरीवाल ने लिखा है कि यह आरएसएस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी पथ भ्रमित हो तो उसे सही रास्ते पर लाए।

केजरीवाल ने चौथे सवाल में कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान जेपी नड्डा जी ने कहा कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। मुझे पता चला कि नड्डा जी के इस बयान ने हर आरएसएस कार्यकर्ता को आहत किया। देश जानना चाहता है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या गुजरी? केजरीवाल ने आखिरी सवाल में पीएम मोदी की रिटायरमेंट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट का कानून बनाकर आडवाणी जी, मुरली मनोहर जोशी जैसे कद्दावर नेताओं को रिटायर कर दिया गया। अमित शाह जी का कहना है कि वो कानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा। क्या इस पर आपकी सहमति है? क्या सबके लिए कानून समान नहीं होने चाहिए? केजरीवाल ने कहा, ‘सभी भारतवासी के मन में ये प्रश्न कौंध रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप इन सवालों पर विचार करेंगे और लोगों को इन सवालों के जवाब देंगे।’

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