पालकी में होगा मां दुर्गा का आगमन, नवरात्र में तीन बार सर्वार्थ सिद्धि और चार बार रवि योग

देवी आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र तीन अक्टूबर से प्रारंभ होगा। इस बार नवरात्र के नौ दिनों में तीन बार सर्वार्थ सिद्धि तथा चार बार रवियोग का महासंयोग बन रहा है। धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार अगर शक्ति उपासना के पर्वकाल में विशिष्ट योग नक्षत्र की साक्षी रहती है, तो साधना आराधना की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है।

इन योगों में की गई उपासना शीघ्र फल प्रदान करती है। साथ ही इन योगों में नए व्यापार व्यवसाय का शुभारंभ तथा घर परिवार के लिए की गई खरीदी भी शुभफल प्रदान करती है। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर तीन अक्टूबर को गुरुवार के दिन हस्त नक्षत्र की साक्षी में शारदीय नवरात्र का आरंभ होगा।

सर्वार्थ सिद्धि योग

नवरात्र के नौ दिनों में तीन दिन सर्वार्थ सिद्धि तथा चार दिन रवि योग का संयोग रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सभी कार्यों में सिद्धि प्रदान करने वाला माना गया है। इस योग में किसी कामना विशेष से देवी की शास्त्रोक्त आराधना करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है। नया व्यवसाय शुरू करना, भूमि, भवन, वाहन की खरीदी शुभ मानी जाती है।

रवि योग

रवि योग भी शुभफल प्रदान करने वाला है, इस योग में स्वर्ण की खरीदी विशेष शुभ मानी जाती है। इसके अलावा इस योग में प्लाट, मकान, कृषि भूमि की रजिस्ट्री करना, इंश्योरेंस पालिसी खरीदना तथा वाहनों की खरीदी स्थाई समृद्धि प्रदान करने वाली मानी जाती है।

देवी के पालकी में आने से आएगी सकारात्मकता

आने वाले दिनों में व्यापार, व्यवसाय को गति मिलेगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। विकास के कार्य होंगे। आम जनमानस के जीवन स्तर में सुधार आएगा। देवी के पालकी में सवार होकर आने से सकारात्मकता आएगी।

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