उप सरपंच की हत्या के आरोपी पुलिस हिरासत में मौत, परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में उप सरपंच की हत्या हुई। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मगर पुलिस हिरासत में रहस्यमय तरीके से आरोपी की मौत हो गई। फिलहाल घटना की न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी कि घटना के बाद कबीरधाम जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार (प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी) को निलंबित कर दिया गया है। उप मुख्यमंत्री प्रशांत साहू के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की है।

हत्या में शामिल 69 लोगों में एक की मौत

जेल में बंद 27 साल के प्रशांत साहू की हालत बुधवार को बिगड़नी शुरू हुई तो उन्हें जिला जेल से अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। साहू उन 69 लोगों में शामिल था जिन्हें रविवार को रेंगाखार थाना क्षेत्र के लोहारीडीह गांव में उप सरपंच रघुनाथ साहू के घर में आग लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना में रघुनाथ साहू की मौत हो गई।

हत्या के शक में रघुनाथ साहू की हुई हुई मौत

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि रघुनाथ साहू पर हमला इस शक में हुआ, क्योकि उन्होंने एक अन्य ग्रामीण कचरू साहू की हत्या की थी। कचरू साहू का शव पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के अंतर्गत बीजाटोला गांव में एक पेड़ पर लटका हुआ मिला था। घटना के बाद भीड़ ने रघुनाथ साहू के घर पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया। रघुनाथ साहू के परिवार के तीन सदस्यों, जिसमें उनकी पत्नी भी शामिल हैं, को पुलिस ने घायल अवस्था में बचाया तथा अस्पताल में भर्ती कराया।

आगजनी और पुलिस पर हमला

आगजनी की जानकारी मिलने पर पुलिस गांव पहुंची। गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर भी हमला कर दिया। इसमें कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव सहित कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घटना के बाद पुलिस ने लोहारीडीह गांव के 40 निवासियों को हिरासत में लिया था। रविवार को प्रशांत साहू को अन्य ग्रामीणों के साथ गिरफ्तार किया गया था और कुछ स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया था।

शराब की लत, दौरा आना और मौत

पुलिस ने बताया कि साहू को शराब पीने की आदत थी। साथ ही उसे दौरा पड़ने की बीमारी भी थी। साहू को जांच के लिए मंगलवार को फिर से अस्पताल ले जाया गया और उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, लेकिन अगले दिन उसकी हालत बिगड़ गई और अस्पताल पहुंचने पर उसे मरा हुआ घोषित कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों की जानकारी मिल सकेगी। घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

रिपोर्ट सामान्य मगर पोस्टमार्टम में दिखे चोट के निशान

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बुधवार रात मीडिया से कहा जेल में हुई मौत जांच का विषय है। मंगलवार को आरोपी को जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसके हाथ का एक्स-रे कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार रिपोर्ट सामान्य है। बुधवार को पंचनामा के दौरान मृतक के शरीर पर चोट के निशान पाए गए। उसके विसरा के नमूने फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं तथा रिपोर्ट का इंतजार है।”

वरिष्ठ अधिकारी के आदेश पर हुई पिटाई, एएसपी सस्पेंड

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रथम दृष्टया जेल के रिकॉर्ड से पता चला है कि गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों के शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं। साथ ही ग्रामीणों ने दावा किया है कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कुछ गिरफ्तार लोगों की पिटाई की गई थी। वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। एएसपी विकास कुमार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है”

परिजनों को मिलेगा मुआवजा

मुख्यमंत्री ने प्रशांत साहू के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की है। इसके अलावा, उसके परिवार के सदस्य जिन्हें हत्या के उसी मामले में गिरफ्तार किया गया है, उन्हें भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।

विपक्ष ने साधा निशाना

इस बीच, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने हिरासत में मौत की घटना की जांच के लिए अपनी टीम गठित की है। बुधवार रात संवाददाताओं से बात करते हुए, कांग्रेस विधायक और पार्टी की जांच टीम के संयोजक दलेश्वर साहू ने सत्ताधारी भाजपा पर निशाना साधा और कहा प्रशांत साहू के शरीर पर चोट के निशान देखे गए हैं। ये स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि उन्हें पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा था। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि पुलिस की यातना के कारण उनकी मौत हुई।

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