8 अरब सालों से अंतरिक्ष में घूम रहा था ये सिग्नल, धरती पर पहुंचा तो वैज्ञानिकों के उड़े होश
नासा ने हाल ही में बताया था कि 720 फुट विशाल एस्टेरॉयड 2024 ON धरती से गुजरेगा. इसके बाद से कयास लगने लगे थे कि 15 सितंबर को धरती का विनाश हो जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. अब अर्थ डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक ऐसी खोज सामने आई है, जिसने खगोलशास्त्रियों को हिलाकर रख दिया है. 8 अरब सालों तक अंतरिक्ष की यात्रा करने के बाद रेडियो तरंगों का एक रहस्यमय और शक्तिशाली सिग्नल पृथ्वी पर पहुंचा है. FRB 20220610A नाम का यह सिग्नल अब तक देखे गए सबसे दूर और ऊर्जावान सिग्नल में से एक साबित हुआ है.
वैज्ञानिक से इससे अब तक अंजान
FRB रेडियो सिग्नल रेडियो तरंगों की छोटी सी चमक है, जो वैज्ञानिकों को हमेशा चौंकाती आई है. वैज्ञानिकों के लिए यह अब तक की एक अनसुलझी गुत्थी है. वहीं, वैज्ञानिकों के लिए FRB 20220610A सिग्नल बड़े काम का है, क्योंकि इससे उन्हें अतीत के अध्ययन में आसानी होती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, FRB 20220610A सिग्नल की अत्यधिक दूरी से यह बात साफ हुई है कि यह सिग्नल हमारी आकाशगंगा से दूर किसी और आकाशगंगा से मिला है और इस सिग्नल से उन एक्टिविटीज का खुलासा हुआ है, जिससे वैज्ञानिक अभी तक अंजान थे.
वैज्ञानिकों का क्या कहना है?
मैक्वेरी यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री डॉ. स्टुअर्ट राइडर इस ब्रह्मांडीय रहस्य की जांच करने वाले वैज्ञानिकों की एक टीम को लीड कर रहे हैं. एडवांस रिसर्च तकनीकियों की मदद से यह टीम FRB 20220610A के सोर्स का पता लगा रही है. डॉ. राइडर ने बताया, साल 2020 में ऑस्ट्रेलियाई खगोलशास्त्री जीन-पियरे मैक्कार्ट ने एक विधि तैयार की थी, जिसे आज मैक्कार्ट रिलेशन के नाम से जाना जाता है. मैक्कार्ट की यह विधि इस तरह की खोज को पता लगाने में बहुत मददगार है. बता दें कि यह स्टडी एक ‘साइंस’ नाम की पत्रिका में छपी है.
यह जांच यहीं नहीं खत्म हुई. यूरोपीय साउदर्न ऑब्जर्वेटरी के बहुत बड़े टेलीस्कोप का इस्तेमाल कर टीम ने स्रोत आकाशगंगा की पहचान की है, जो पहले से रिकॉर्ड हुए किसी भी FRB स्रोत की तुलना में काफी पुरानी थी. वैज्ञानिकों का कहना है मानो या ना मानो इस तरह के विस्फोट ब्राह्मांड का वजन करने में उनकी मदद कर सकते हैं.
प्रोफेसर रयान शैनन का कहना है कि, ‘आधे से ज्यादा सामान्य पदार्थ, जो आज अस्तित्व में होने चाहिए थे, उनका कोई सुराग नहीं है’. शैनन का सुझाव है कि इस तरह के ‘लापता’ पदार्थ गैलेक्सी के बीच विशाल, गर्म और फैले हुए क्षेत्रों में छिपे हो सकते हैं. ऐसे में पुराने तरीकों से इनका पता लगाना बेहद मुश्किल है. उन्होंने आगे कहा, FRB सिग्नल लगभग खाली जगह में भी इलेक्ट्रॉनों का पता लगा सकते हैं, जिससे हम पूरे ब्रह्मांड में बिखरे हुए पदार्थ को आसानी से माप सकते हैं.
तेज रेडियो विस्फोट क्या हैं?
तेज रेडियो बर्स्ट (FRB) रेडियो तरंगों की छोटी और तेज तरंगें हैं, जो केवल मिलीसेकंड तक ही टिक पाती हैं. साल 2007 में अपनी खोज के बाद से ही यह तरंगे वैज्ञानिकों के लिए दिलचस्प स्टडी बन हुई है. जानकर हैरानी होगी कि हाल ही में FRB ने एक सेकंड के एक अंश में इतनी ऊर्जा पैदा की थी, जितनी हमारे सूर्य ने 30 सालों में की थी.
वहीं, इसकी तीव्रता से वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया है कि ये शक्तिशाली विस्फोट मैग्नेटर्स से संबंधित हो सकते हैं, जो सुपरनोवा विस्फोटों के अत्यधिक ऊर्जावान अवशेष होते हैं. वहीं, इसका रहस्य पता करने के लिए खगोलविदों ने ऑस्ट्रेलियाई स्क्वायर किलोमीटर एरे पाथफाइंडर (ASKAP) का भी इस्तेमाल किया है. डॉ. राइडर ने इस बात खुलासा किया है कि ASKAP के रेडियो डिश ने हमें सटीक रूप से यह पता लगाने में मदद की है कि विस्फोट आखिर कहां से हुआ’.