कोचिंग में छात्रों की मौत मामले में दिल्ली की कोर्ट ने 6 आरोपियों को CBI हिरासत में भेजा

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में तीन UPSC अभ्यर्थियों की डूबने से हुई मौत मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को सभी 6 आरोपियों को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की चार दिन की हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने जांच को आगे बढ़ाने के लिए सभी 6 आरोपियों से पूछताछ की जरूरत बताते हुए चार दिन के लिए उनकी हिरासत की मांग की थी। जिसे कोर्ट ने मान लिया।

इस बारे में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने कहा, ‘आरोपी अभिषेक गुप्ता, देशपाल सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह और परविंदर सिंह को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा जाता है। अब उन्हें 4 सितंबर 2024 को पेश किया जाएगा।’

सीबीआई के आरोप के मुताबिक जांच में पता चला है कि जिस भवन में राव का IAS स्टडी सर्किल संचालित किया जा रहा था, उसके बेसमेंट का उपयोग लाइब्रेरी और परीक्षा हॉल चलाने के लिए किया जा रहा था, जहां वहां पढ़ने वाले अभ्यर्थी सेल्फ स्टडी और परीक्षा की तैयारी के लिए लंबे समय तक बैठते थे, जबकि भवन के लिए जारी प्रमाण पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि बेसमेंट का उपयोग केवल पार्किंग, घरेलू भंडारण और कार लिफ्ट के उद्देश्य के लिए ही किया जाना था।

एजेंसी ने अपने आवेदन में यह भी बताया कि इमारत का इस्तेमाल अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र के बिना कोचिंग सेंटर चलाने के लिए किया जा रहा था। इससे पहले एक बार राव IAS के मालिक/कब्जाधारी को मास्टर प्लान दिल्ली, 2021 के उल्लंघन और संपत्ति के दुरुपयोग के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, जिसमें उन्हें संपत्ति के दुरुपयोग को रोकने का निर्देश दिया गया था। इस नोटिस पर राव IAS के मालिक और CEO गुप्ता ने जवाब दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है, जो 9 जुलाई, 2024 को दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा जारी किया गया।

मामले में बचाव पक्ष के वकीलों ने सभी छह आरोपियों की रिमांड आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि सीबीआई ने उन्हें पुलिस हिरासत में लेने के लिए कोई विशेष आधार या औचित्य नहीं बताया है। बेसमेंट के चार संयुक्त मालिकों के वकील कौशल जीत कैत ने भी अदालत को बताया कि एक आरोपी सरबजीत सिंह की हाल ही में सर्जरी हुई है और वह दवा ले रहे हैं, ऐसे में उनकी हिरासत की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि हिरासत में पूछताछ जांच में सहायता के लिए है और यह कथित अपराध की जांच के प्रभावी तरीकों में से एक है।

अदालत ने कहा, ‘आवेदन में प्रस्तुत किए गए तर्कों और विशेष रूप से माननीय दिल्ली हाई कोर्ट के दिनांक 02.08.2024 के आदेश के अनुसार जांच के दायरे को ध्यान में रखते हुए, जांच के उद्देश्य से और विभिन्न व्यक्तियों द्वारा निभाई गई भूमिका का पता लगाने के लिए , जो भ्रष्ट आचरण या आपराधिक लापरवाही में शामिल हो सकते हैं, आरोपी व्यक्तियों से हिरासत में पूछताछ जरूरी होगी।’

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि नियमों के अनुसार आरोपी व्यक्तियों की चिकित्सा जांच की जाएगी और उनके वकीलों को प्रतिदिन 30 मिनट के लिए उनसे मिलने की अनुमति दी जाएगी।

बता दें कि 27 जुलाई की शाम को राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों तान्या सोनी (21), श्रेया यादव (25) और नेविन डेल्विन (29) की मौत हो गई थी।

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