शुभ योगों में दो सितंबर को कुशाग्रहणी सोमवती अमावस्या पर कालसर्प योग निवारण का ऐसे करें उपाय

सनातन धर्म में अमावस्या और तिथि का महत्वपूर्ण स्थान है। इस बार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या दो सितंबर को सिद्ध व शिव योग में मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन स्नान, दान और श्राद्ध करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। भाद्रपद अमावस्या के दिन कुश (घास) एकत्र करने की परंपरा भी है। इसी के कारण इसे कुशा ग्रहणी अमावस्या कहते हैं।

स्नान दान व पितृकर्म के लिए भी श्रद्धालुओं का तांता लगेगा

सोमवार को पड़ने वाली सोमवती अमावस्या भी कहलाती है। इसे धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष माना जाता है। भादों की कुशाग्रहणी सोमवती अमावस्या पर जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष है, वे इसके दुष्प्रभावों को कम करने के लिए कुछ खास उपाय करेंगे। नर्मदा तट पर स्नान दान व पितृकर्म के लिए भी श्रद्धालुओं का तांता लगेगा।

उदयातिथि से दो सितम्बर को

जबलपुर के ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला के अनुसार, भाद्रपद माह की अमावस्या का आरंभ दो सितंबर, सोमवार को सुबह पांच बजकर, 21 मिनट पर होगा। इसका समापन अगले दिन तीन सितंबर को सुबह सात बजकर 24 मिनट पर होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार भाद्रपद माह की कुशाग्रहणी अमावस्या दो सितंबर को मनाई जाएगी।

अति अशुभ है कालसर्प दोष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर किसी जातक की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, तो उसके जीवन में कोई न कोई समस्या बनी रहती है। इसे अति अशुभ दोषों में से एक माना जाता है। कुंडली में जब राहु और केतु एक घर में प्रवेश कर जाएं और उनके एकदम बीच में अन्य ग्रह बैठे हों, तो कालसर्प दोष बनता है। काल सर्प दोष से निजात पाने के लिए भाद्रपद अमावस्या के दिन इस दिन शिव जी और नाग देवता की पूजा करने का विधान है। कुछ खास उपाय भी अपनाए जाते हैं।

कई गुना अधिक फल

ज्योतिषाचार्यो के अनुसार इस साल भाद्रपद कुशाग्रहणी अमावस्या दो शुभ योगों में पड़ेगी। इस दिन शिव योग और सिद्ध योग बन रहे हैं। इस दिन सुबह सूर्योदय से लेकर शाम के 6 बजकर 20 मिनट तक शिव योग रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग रहेगा। शिव योग को लेकर मान्यता है कि इस योग में पूजा-पाठ करने से देवी- देवताओं की विशेष कृपा प्राप्ति होती है। इस योग में पितरों का विधि विधान के साथ श्राद्ध और तर्पण करने से पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है। इन दोनों योग में पूजा करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।

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