BHEL हरिद्वार में एक करोड़ 99 लाख की चोरी का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड निकला कबाड़ी का काम करने वाला
हरिद्वार पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बीएचईएल हरिद्वार में हुई एक करोड़ की चोरी के आरोपितों को पकड़ लिया गया है। बुधवार को एसएसपी ने मामले का खुलासा किया।
इस मामले में पकड़े गए आरोपितों में शामली बिजनौर मुजफ्फरनगर और ज्वालापुर के आरोपित शामिल हैं।ज्वालापुर निवासी कबाड़ी का काम करने वाले शाहनवाज ने अपने तीन साथियों के साथ इस चोरी को अंजाम दिया था। पुलिस ने चुराया गया पचास प्रतिशत माल बरामद कर लिया है।
मामले में सामने आई प्रबंधन की घोर लापरवाही
भारतीय नौसेना के लिए नेवल गन बनाने वाली देश की महारत्न कंपनी बीएचईएल की हरिद्वार शाखा में करोड़ों की कीमती घातु चोरी मामले में अब तक हुई जांच ने बीएचईएल सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रखी है। चोरी मामले में बीएचईएल प्रबंधन की घोर लापरवाही निकल कर सामने आई है।
सामने आया है कि सुरक्षा को लेकर बीएचईएल अंडर कवर एरिया सहित अन्य इलाकों में सीआइएसएफ सुरक्षा के साथ-साथ बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए गए हैं पर, इनकी नियमित मॉनीटरिंग की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है।
यही वजह रही कि अंडर कवर एरिया से दो मई की रात हुई पहली चोरी सीसीटीवी कैमरों में रिकार्ड हो गई थी पर, सीसीटीवी कैमरों की नियमित मॉनीटरिंग न होने से वजह से बीएचईएल प्रबंधन को इसका पता आठ अगस्त को तब लगा जब बीएचईएल श्रमिक संगठनों ने चोरी को लेकर शोर मचाया, उनके शोर मचाने पर नींद से जगे बीएचईएल प्रबंधन सीसीटीवी कैमरों को चेक किया तो एक नहीं बल्कि एक के बाद एक कई चोरियों के खुलासे हुए।
मामले की पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराई गई। रानीपुर कोतवाली प्रभारी विजय सिंह ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला सुरक्षा व्यवस्था में केवल यहीं झोल नहीं है। बल्कि और भी कई खामियां हैं।
जिसका लाभ उठा चोरों ने बीएचईएल के अति सुरक्षित अंडर कवर एरिया में 24 घंटों की मैन्युअल और तकनीकी निगरानी रखी एक हजार 926 किलोग्राम की निकिल कोटेड बार मैटेरियल फार टरबाइन ब्लेड और अन्य कीमती घातु (कुल कीमत करीब एक करोड़ 99 लाख 72 हजार 336 रूपये) पर हाथ साफ कर दिया। बावजूद इतनी बड़ी सुरक्षा व्यवस्था होते हुए बीएचईएल प्रबंधन को महीनों इसकी भनक तक नहीं लगी।
अचानक ही बत्ती गुल हो गई और कैमरे भी बंद हो गए
आरोप है कि जिस दिन और जिस समय अंडर कवर एरिया से चोरी हुई उस दिन और उसी समय जिस रास्ते से संदिग्धों ने अंडर कवर एरिया में प्रवेश किया, उसी दौरान अचानक ही वहां की बत्ती गुल हो गई और कैमरे भी बंद हो गए। बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, चोरी का पता चलने पर भी बीएचईएल प्रबंधन ने चोरी ही नहीं माना।
बीएचईएल वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक केंद्रीय भंडारण (सेंट्रल स्टोर) उमेश प्रसाद की ओर से पुलिस को दी लिखित शिकायत में इसे गुम होना बताया था। उन्होंने स्वीकार किया है कि अंडर कवर एरिया में दो मई को रात नौ बजकर 25 मिनट पर, चार मई को दोबारा रात नौ बजकर 25 मिनट पर संदिग्धों की हलचल देखी जो पैकेज खोल का सामाग्री को बैग में भरकर कई बार ले जाते हुए देखे गए। उन्होंने यह भी बताया कि यह हलचल तीन से चार घंटे तक रही।
आरोप लग रहे हैं कि सीआइएसएफ की मैन्युअल सुरक्षा, सीसीटीवी कैमरों की सुरक्षा के बीच बिना प्रबंधन की आपसी मिलीभगत के चोरों ने ऐसा कैसे कर लिया?