आज मनाया जा रहा है दही हांडी उत्सव, जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
देशभर में जन्माष्टमी के पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाया गया है। मंदिरों में कृष्ण भक्तों ने अधिक संख्या में अपने आराध्य के दर्शन किए। इस पर्व के अगले दिन हर साल दही हांडी उत्सव मनाया जाता है। इस खास अवसर पर मंदिरो और गली-मोहल्लें में दही हांडी (Dahi Handi Festival 2024) उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें युवा टोली बनाकर दही हांडी को फोड़ते हैं। आइए जानते हैं दही हांडी उत्सव के बारे में विस्तार से।
दही हांडी 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन यानी भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर दही हांडी उत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्योहार आज यानी मंगलवार, 27 अगस्त को मनाया जा रहा है।
दही हांडी का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि इस पर्व की शुरुआत द्वापर युग से हुई है। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के नवमी तिथि दही हांडी का उत्सव बेहद उत्साह के मनाया जाता है। कान्हा जी ने अपने बचपन के दौरान कई तरह की खास की लीलाएं किया करते थे, इन लीलाओं में दही और माखन की हांडियां तोड़ना भी शामिल था।
दही हांडी में क्या चीजें डालते हैं?
दही हांडी उत्सव के लिए हांडी को खुले स्थान पर रस्सी के द्वारा लटका दिया जाता है। हांडी मिट्टी की होती है। इसमें घी, दही, काजू, किशमिश, बादाम, दूध, कटे हुए फल समेत आदि चीजों को डाला जाता है।
इस तरह मानते हैं दही हांडी उत्सव
दही हांडी उत्सव के दिन मंदिर और गली-मोहल्ले में दही और दूध समेत आदि चीजों को हांडी में डालकर ऊंचाई पर लटका दिया जाता है। इसके बाद युवाओं की टोलियों के द्वारा हांडी को फोड़ा जाता है। जो टीम हांडी को फोड़ने में सफल होती है। वह टीम विजेता कहलाती है और उचित इनाम दिया जाता है। इस दौरान कृष्ण जी के भजन गाए जाते हैं और विशेष कार्यक्रम किए जाते हैं।