साबरमती ट्रेन डिरेल के पीछे आतंकी आशंका तलाश रही जांच एजेंसी, ड्राइवर की समझदारी से टला था हादसा
वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस कानपुर में गोविंदपुरी के आगे डिरेल हो गई। ट्रेन के करीब 20 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। ड्राइवर के अनुसार, बोल्डर इंजन से टकराया और इंजन का कैटल गार्ड बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इसके चलते यह हादसा हुआ है। रेलवे ने राहत एवं बचाव कार्य कर यात्रियों को उनके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया है।
कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने के पीछे आतंकी साजिश की आशंका को देखते हुए जांच चल रही है। मौके पर आइबी और एटीएस की टीमें पहुंच गई हैं। कानपुर में इसी तरह का एक प्रयास इससे पहले 2019 में रूमा में किया गया था।
एटीएस टीम रूमा की घटना को इस घटना से जोड़कर देख रही है। हालांकि रूमा में हुए हादसे में ड्राइवर की समझदारी से ट्रेन को डिरेल होने से बचा लिया गया था।
कैसे हुआ था रूमा में ट्रेन हादसा
अप्रैल 2019 को कानपुर के रूमा रेल स्टेशन से करीब 100 मीटर पहले प्रयागराज की तरफ से पूर्वा एक्सप्रेस ट्रेन का पहिया पटरी से उतर गया था। नई दिल्ली जा रही ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई थी। इससे 15 डिब्बे पटरी से उतर गए थे और चार डिब्बे पलट गए थे। इसमें कोच बी-3 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। इस हादसे में घायलों की संख्या 100 से अधिक थी।
सूझबूझ से बची थी जान
पूर्वा एक्सप्रेस के पायलेट फूल सिंह ने बताया था कि ट्रेन की 127 की स्पीड से दौड़ रही थी जबकि इसकी फूल स्पीड 130 है। हादसे के समय हल्का सा जर्क लगा लेकिन हादसे की आशंका नहीं हुई। गार्ड की सूचना पर इमरजेंसी ब्रेक लगया तो पीछे का मंजर देख रूह कांप गई।
ऐसे हुआ था हादसा
प्रयागराज की तरफ से पूर्वा एक्सप्रेस ट्रेन का पहिया पटरी से उतर गया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चेक रेल (SEJ) ट्रेन के किसी हिस्से की टक्कर से उखड़ गया था। इसी वजह से हादसा हुआ था।