उत्तराखंड RTO ने बस कंपनियों, टैक्सी व बाइक-टैक्सी कंपनियों को भेजा नोटिस, जानिए मामला…

राज्य में परिवहन विभाग से लाइसेंस लिए बिना ही आनलाइन एप के जरिये यात्रियों की बुकिंग कर रही कंपनियों और इनके वाहनों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

आरटीओ सुनी शर्मा ने टिकट बुकिंग एप या वेबसाइट चला रही बस कंपनियों, टैक्सी व बाइक-टैक्सी कंपनियों को नोटिस भेजा है। इसमें उत्तराखंड सरकार से कंपनी को लाइसेंस लेने को कहा गया है।

कंपनियों को चेतावनी दी गई कि अगर वह लाइसेंस नहीं लेती हैं तो उनकी ओर से जो टिकट बुक किए जाएंगे, उन सभी यात्रियों को सफर करने नहीं दिया जाएगा। साथ ही कंपनी से संबंधित बसों, टैक्सी व बाइक-स्कूटी को सीज भी किया जाएगा।

कंपनियों को परिवहन विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य

उत्तराखंड में पहले यात्रा की आनलाइन टिकट बुकिंग सेवा को सरकार की अनुमति नहीं थी, लेकिन 2020 में सरकार ने इसकी अनुमति देते हुए शर्त लगा दी कि कंपनियों को परिवहन विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। इसके बावजूद कंपनियां लाइसेंस के बिना ही टिकट बुकिंग कर वाहन संचालित कर रहीं। इससे राज्य सरकार को राजस्व हानि हो रही है।

इसी क्रम में आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने समस्त टिकट बुकिंग एप और वेबसाइट संचालित कर रही कंपनियों को उत्तराखंड में लाइसेंस लेने के निर्देश दिए थे, लेकिन कोई भी कंपनी आगे नहीं आई। जिस पर मंगलवार को कार्रवाई की शुरुआत कर रैपिडो, ओला, उबर व बला-बला को नोटिस जारी किए गए हैं। आरटीओ ने बताया कि इसी क्रम में सोमवार को रैपिडो के अंतर्गत संचालित हो रही 28 बाइक-टैक्सी सीज की गई थी।

सुरक्षा पर खतरा, निजी वाहनों का हो रहा उपयोग

आरटीओ ने बताया कि बला-बला व रैपिडो में सबसे बड़ा खतरा यात्रियों की सुरक्षा को लेकर है। दरअसल, इन दोनों कंपनियों में अधिकांश वाहन निजी हैं। जो छात्र या अन्य युवा पार्ट-टाइम के तौर पर संचालित कर रहे हैं।

यदि, ऐसे वाहन से दुर्घटना हो जाती है तो यात्री को बीमा क्लेम नहीं मिलेगा। यही नहीं, इन कंपनियों में जो वाहन पंजीकृत हैं, वह अधिकांश बाहरी राज्यों के हैं। महिला यात्रियों को ऐसे वाहनों को लेकर सजग रहने की आवश्यकता है।

बस कंपनियों पर भी कार्रवाई

आरटीओ ने बताया कि टैक्सी व बाइक-टैक्सी के अलावा बस कंपनी को भी नोटिस जारी किया जाएगा। कई बस कंपनियां देहरादून में आइएसबीटी के नजदीक हरिद्वार बाइपास से आनलाइन टिकट बुक कर यात्रियों का परिवहन कर रही हैं। इनके पास भी परिवहन विभाग की अनुमति नहीं है।

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