जानिए कब है चौथा मंगला गौरी व्रत, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है। इस माह में विधिपूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। सावन में पड़ने वाले सभी मंगलवार पर मंगला गौरी व्रत करने का विधान है। सनातन धर्म में मंगला गौरी व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व मां गौरी को समर्पित है। मंगला गौरी व्रत के दिन विवाहित महिलाएं वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाए रखने के लिए मां गौरी की पूजा-अर्चना करती हैं। आइए जानते हैं कि सावन के चौथे मंगला गौरी व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

मंगला गौरी व्रत 2024 शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चौथा मंगला गौरी व्रत 13 अगस्त को किया जाएगा। सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर चौथा मंगला गौरी व्रत पड़ रहा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 23 मिनट से लेकर 05 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। वहीं,अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक है।

मंगला गौरी व्रत पूजा विधि

मंगला गौरी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करें। अब चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा को विराजमान करें। अब सोलह शृंगार की सामग्री अर्पित करें। देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जप करें। मंगला गौरी कथा का पाठ करें या सुनें। इसके बाद जीवन में सुख-शांति की कामना करें। अब फल, मिठाई, हलवा और खीर समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें। इस दिन  दान करना शुभ माना जाता है।

मंगला गौरी व्रत में क्या खाना चाहिए

मंगला गौरी व्रत में खानपान के नियम का पालन करना बेहद जरुरी होता है। ऐसा माना जाता है कि नियम का पालन न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। मंगला गौरी व्रत के दौरान फल, दूध, दही साबूदाने की खीर और साबूदाने की खिचड़ी का सेवन किया जा सकता है। 

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