जाह्नवी कपूर ने अपनी परफॉर्मेंस से डाला फिल्म में दम, नेपोटिज्म पर दिया अपना जवाब

जाह्नवी कपूर की फिल्म उलझ रिलीज हो गई है। जाह्नवी अपने करियर में काफी ग्रो कर रही हैं। वह अब काफी सीरियस रोल कर रही हैं और अब उनकी परफॉर्मेंस को काफी अच्छा रिस्पॉन्स भी मिलता है। अब सुधांशु सरिया द्वारा निर्देशित फिल्म उलझ इस शुक्रवार को रिलीज हो गई है। तो अगर आप भी इस फिल्म को देखने का बना रहे हैं प्लान तो पहले पढ़ लें यह रिव्यू कि कैसी है फिल्म

उलझ की स्टोरी एक यंग, ब्राइट सुहाना भाटिया पर आधारित है जो एक बड़ा और प्रभावशाली परिवार है। उनके दादा का नाम स्कूल कि किताबों पर लिखा है। सुहाना एक यंग डिप्टी हाई कमिश्नल हैं जिनके सिर पर भाई-भतीजावाद की तलवार लटक रही है। अपने परिवार की विरासत को आगे ले जाना और उसके विशेषाधिकार के लिए चैलेंज का सामना करना ही इसकी कहानी है।

रिव्यू

उलझ में काफी चीजें करनी की कोशिश की गई है जैसे-नेपोटिज्म पर कमेंट, वर्कप्लेस पर महिलाओं के साथ गलत बर्ताव, अंतर-देशीय संघर्ष। इन मुद्दों से फिल्म काफी गंभीर हो जाती है। इंटरमिशन का पॉइमट आपको सरप्राइज लगेगा, लेकिन सेकेंड हाफ के बाद आपको एहसास होगा कि ये वेब सरीज के तौर पर बननी चाहिए। अंतर-देशीय संघर्षों पर आधारित फिल्मों के साथ समस्या यह है कि उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए, लेकिन फिर भी प्लॉट को आगे बढ़ाने के लिए सुविधा पर निर्भर रहना पड़ता है। 2 किरदार इंटेलिजेंस ऑफिशियल्स से भागकर लंदन से भारत पहुंच जाते हैं और कोई उन्हें ट्रेस नहीं कर पाता। वहीं एक आदमी प्राइम मिनिस्टर की सिक्योरिटी काफी आसान से तोड़ देता है।

परफॉर्मेंस

जाह्नवी ने अपना बेस्ट काम किया है। वह हर सीन में सब पर भारी पड़ती दिखी हैं। जाह्नवी की परफॉर्मेंस इस बात को साफ कर देती है नेपोटिजम का मतलब यह नहीं कि उनमें कोई टैलेंट नहीं। परवेज शेख और सुधांशु की राइटिंग ने जाह्नवी के किरदार को हाइलाइट करने में बहुत मदद की है। फिल्म में एक डायलॉग आता है कि अब ये बकरी क्या करेगी तो इसके बाद कैमरा फोकस जाह्नवी के चेहरे पर होता है और वह कहती हैं कि पूरा का पूरा खेर खा जाएगी।

सपोर्टिंग कास्ट में गुलशन देवैया का काम भी काफी अच्छा है। क्लाइमेक्स में उनकी लाइन्स आपको पसंद आएगी। आदिल हुसैन के कुछ ही सीन थे, लेकिन लास्ट सीन में जब वह एक कन्सर्न पिता वाली परफॉर्मेंस देते हैं वो काफी शानदार है। रोशन मैथ्यू को और स्क्रीन टाइम मिलना चाहिए था। मियांग चेंग को एक अच्छा सीन मिला जो काफी छोटा था।

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