सावन में मिट्टी से बने शिवलिंग की करें पूजा, शिव पुराण में भी मिलता है वर्णन

सावन के महीने में सभी शिव भक्ति में डूबे हुए नजर आते हैं। हर कोई चाहता है कि किसी भी प्रकार से उसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो जाए। सावन का महीना शुरू हो चुका है। शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।

कहा जाता है कि यह भगवान शिव का प्रिय महीना है, इसलिए वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। सावन के महीने में मिट्टी से बने शिवलिंग की भी पूजा की जाती है, इसका बहुत महत्व है आइए, जानते हैं कि सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने का क्या महत्व है।

मिट्टी से बने शिवलिंग का महत्व

मान्यता है कि सावन के महीने में जो भी श्रद्धा भाव से मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वैसे तो आपने कई प्रकार के शिवलिंग देखे होंगे।

पत्थर से बने सफेद शिवलिंग, काले शिवलिंग, कांच या बर्फ के शिवलिंग इन सभी में पार्थिव शिवलिंग यानी मिट्टी से बने शिवलिंग का महत्व सबसे ऊपर होता है।

दरअसल, मिट्टी से बना शिवलिंग पवित्रता और सकारात्मकता को दर्शाता है। यह भगवान के प्रति समर्पण भाव का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करने में काफी समय लगता है, इसे बनाते समय पूर्ण शुद्धता का ध्यान रखा जाता है।

लाभकारी है पार्थिव शिवलिंग की पूजा

  • शिव पुराण के अनुसार, सावन के महीने में जब शुद्ध मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण किया जाता है, तो हाथों की रेखा बदल जाती हैं।
  • माना जाता है कि ऐसा करने से हमारे जीवन में आने वाला बुरा समय टल जाता है।
  • मिट्टी का शिवलिंग बनाने के लिए शुद्ध मिट्टी के साथ, शुद्ध जल, शुद्ध घी, गाय के गोबर के कंडे की राख आदि का उपयोग किया जाता है।
  • यह शिवलिंग सावन के महीने में ही तैयार किया जाता है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
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