दिल्ली के हक के 10 हजार करोड़ दें वापस, आम बजट से पहले आतिशी की केंद्र से मांग

मोदी सरकार 23 जुलाई को अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने वाली है। आम आदमी से लेकर उद्योगपतियों तक को इसका बेसब्री से इंतजार है। इसी बीच दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने बीजेपी सरकार के सामने एक डिमांड रखी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से दो लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार को टैक्स जाता है। ऐसे में पांच फीसदी टैक्स वापस दिल्ली को दिया जाना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार पर एक भी रुपये बजट में नहीं देने का आरोप लगाया। साथ ही दिल्ली के हक के दस हजार करोड़ रुपये मांगे। उन्होंने तर्क दिया कि कर्नाटक सरकार को दो लाख करोड़ में से 33 हजार करोड़ रुपये वापस मिलते हैं जबकि महाराष्ट्र सरकार को पांच लाख करोड़ में से 54 लाख करोड़ रुपये मिलते हैं। 2022 तक दिल्ली को 325 करोड़ रुपये मिलते थे जिसे बीते वर्ष से सरकार ने बंद कर दिया है।

आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘दिल्लीवाले दो लाख करोड़ इनकम टैक्स देते हैं। उसके ऊपर 25 हजार करोड़ सेंट्रल जीएसटी देते हैं। लेकिन महाराष्ट्र, कर्नाटक की तरह दिल्ली को एक रुपया भी इस ढाई लाख करोड़ से नहीं मिलता। लेकिन इस बार के बजट में यह दिल्लीवालों की मांग है कि उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। जब दिल्ली के लोग मेहनत करके ईमानदारी से टैक्स देते हैं तो हमें हमारे टैक्स का पैसा हमें हमारे शहर के विकास के लिए क्यों नहीं मिलता? अगर दिल्ली को अपना हक मिलेगा तो दिल्ली में जिस स्पीड से दिल्ली सरकार विकास कर रही है उसकी स्पीड और बढ़ जाएगी। दिल्ली में हम बेहतर रोड, पावर इंफ्रास्ट्रकचर बना सकते हैं। हम दिल्ली को सुंदर बनाने में निवेश कर सकते हैं। दिल्लीवाले भीख नहीं मांग रहे हैं, हम अपना हक मांग रहे हैं।’

विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी, 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट तैयार करने की प्रक्रिया के तहत उद्योग जगत और सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न संबंधित लोगों के साथ विचार-विमर्श पूरा कर लिया है। सीतारमण 23 जुलाई को अपना सातवां बजट पेश करेंगी। यह नरेन्द्र मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट होगा। यह बजट 2047 तक ‘विकसित भारत’ का रास्ता तैयार करेगा।

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