बिना मुहूर्त के करना है शादी, तो 15 जुलाई का दिन है बेहद खास
ज्योतिष गणना के अनुसार 2 जुलाई को शुक्र के तारे का उदय हो गया है। इससे पहले 1 जून को गुरु के तारे का उदय हो चुका है। विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिए गुरु व शुक्र के तारे का उदय होना आवश्यक है। ऐसे में शुभमांगलिक कार्यों के लिए एक पखवाड़े का समय शेष है।
भड़ली नवमी कब मनाई जाएगी?
15 जुलाई को भड़ली नवमी के रूप में विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिए आखिरी बड़ा मुहूर्त है। 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ ही चातुर्मास का आरंभ हो जाएग। इसके बाद मांगलिक कार्यों के लिए चार माह इंतजार करना पड़ेगा।
शुभ कार्यों के लिए गुरु-शुक्र का उदित होना आवश्यक
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया विवाह, मुंडन, यज्ञोपवीत, गृह आरंभ, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य संपादित करने के लिए शुभ मुहूर्त का होना आवश्यक है। यह कार्य तभी सफल माने जाते हैं, जब गुरु व शुक्र के तारे उदित अवस्था में हो।
15 जुलाई को अबूझ मुहूर्त
धर्मशास्त्र के इस मत के अनुसार गुरु व शुक्र के तारे का उदय होने के बाद जुलाई माह में एक बार फिर से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो रही है। मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार 15 जुलाई को भड़ली नवमी के रूप में आखिरी बड़ा मुहूर्त रहेगा।
भड़ली नवमी को अबूझ मुहूर्त भी कहा गया है, इस दिन किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य हेतु मुहूर्त की आवश्यकता नहीं रहती है। अर्थात चातुर्मास के पहले विद्वान पंडितों से मुहूर्त निकलवाकर विवाह, गृह प्रवेश, गृह आरंभ सहित अन्य मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।