नाबालिग आरोपी ने लिखा जमानत वाला निबंध, बॉम्बे HC से रईसजादे को मिली रिहाई

पीछले महीने 19 मई की रात पुणे के कल्याणी नगर इलाके में नशे की हालत में 17 वर्षीय एक नाबालिग ने पोर्श कार ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी। इस सड़क हादसे में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पुलिस ने नाबालिग को हिरासत में ले लिया था।

नाबालिग ने लिखा 300 शब्दों का निबंध

हालांकि, इस घटना के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को 300 शब्दों का निबंध लिखने की सजा दी गई थी। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के जज के इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी। हालांकि, इस एक्सीडेंट के 42 दिनों बाद नाबालिग ने 300 शब्दों का निबंध लिखकर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को सबमिट कर दिया है।

25 जून को नाबालिग को मिली थी जमानत

बता दें कि 22 मई को बोर्ड ने आरोपी को बाल सुधार गृह में भेजने का आदेश दिया था। इसके बाद 25 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि जुवेनाइल बोर्ड के आदेश की सभी शर्तें लागू रहेंगी। जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को 7,500 रुपए के दो बॉन्ड भरने के आदेश भी दिए थे।

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