भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने बारबाडोस की पिच की खाई मिट्टी, जानिए वजह…

टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल मैच में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 7 रन से मात दी। इस मैच में मिली जीत के साथ ही टीम इंडिया ने 17 साल के लंबे इंतजार के बाद टी20 विश्व कप की ट्रॉफी जीती। ये ट्रॉफी जीतने के बाद रोहित शर्मा के इमोशन देखने को मिले। टीम इंडिया के सभी प्लेयर्स बीच मैदान भावुक नजर आए और एक दूसरे को गले लगाकर सभी ने इस जीत की बधाई दी।

इसके बाद भारतीय कप्तान ने बारबाडोस की पिच की मिट्टी खाई और फिर तिरंगा मैदान पर गाड़ दिया। रोहित के बारबाडोस पिच की मिट्टी खाने की तस्वीर देख फैंस काफी खुश तो हुए, लेकिन हिटमैन ने ये मिट्टी क्यों खाई। इस मोमेंट को लेकर ये कयास लगाया गया कि टेनिस लीजेंड नोवाक डिकोविच ने ग्रैंड स्लैम जीतने के बाद विंबलडन की घास खाई थी, लेकिन रोहित ने अब बारबाडोस की पिच की मिट्टी खाने को लेकर बड़ा खुलासा किया।

भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने इस बात का खुलासा किया है कि क्यों उन्होंने टी20 विश्व कप 2024 का खिताब जीतने के बाद बारबाडोस पिच की मिट्टी खाई।

रोहित शर्मा ने बारबाडोस पिच की मिट्टी खाने के पीछे की बताई वजह

दरअसल, बारबाडोस पिच की मिट्टी खाने को लेकर भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने इसके पीछे की वह बताई। बीसीसीआई ने अपने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें रोहित शर्मा भारत के चैंपियन बनने के बाद अपने मन की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं।

रोहित कहते हैं कि देखिए, वे चीजें वास्तव में हैं, मुझे नहीं लगता कि मैं उनका वर्णन कर सकता हूं क्योंकि ये कुछ भी स्क्रिप्टेड नहीं था। यह सब था, आप जानते हैं, जो कुछ भी सहज रूप से आ रहा था, मैं उस पल को महसूस कर रहा था, जब मैं पिच पर गया, क्योंकि उस पिच ने हमें ये खिताब दिया। हमने उस विशेष पिच पर खेला और हमने खेल जीता, वह खास मैदान भी मुझे अपने जीवन में हमेशा याद रहेगा और इसलिए मैं उसका एक टुकड़ा अपने पास रखना चाहता था , वे पल बहुत-बहुत खास हैं और वह स्थान जहां हमारे सभी सपने सच हुए, तो इसके पीछे यही भावना थी।

टी20 विश्व कप 2024 का खिताब जीतने के बाद रोहित शर्मा ने अपनी मन की बात कही। रोहित ने कहा कि ये अभी भी खत्म नहीं हुआ है। रोहित ने दावा किया कि टीम के लिए यह सब एक सपने जैसा लगता है और ट्रॉफी घर पहुंचने के बाद उन्हें राहत महसूस हो रही है।

हिटमैन ने आगे कहां कि हां, यह एहसास कुछ अलग है। यह अभी भी है, मैं अभी भी कहूंगा कि यह अंदर नहीं गया है। पूरी तरह से। यह एक महान पल रहा है। आप जानते हैं, खेल खत्म होने से लेकर अब तक, आप जानते हैं, ऐसा महसूस होता है एक सपने की तरह हमें अभी भी लगता है कि यह नहीं हुआ है, हालांकि यह हुआ है, लेकिन ऐसा लगता है जैसे यह नहीं हुआ है। ये वो इमोशनल है, वो एहसास जिसका आप काफी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। हमने काफी लंबे समय से मेहनत की और हमारी मेहनत रंग लाई। कड़ी मेहनत करने के बाद जब आप लक्ष्य हासिल कर लेते है तो काफी अच्छा लगता हैं।

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